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निबंध लेखन: निबंध कैसे लिखें? (Nibandh Lekhan in Hindi)

निबंध लेखन - nibandh lekhan hindi

निबंध क्या होता है

निबंध शब्द  ‘ऩि+बंध’ से बना है, जिसका अर्थ है अच्छी तरह से बँधा हुआ। एक ऐसी रचना जिसके द्वारा आप अपने विचारों व भावों को एक व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत कर सकें।

निबंध हिंदी भाषा का वह लिखित रूप है जिसमें अपने विचारों को व्यवस्थित और क्रमबद्ध रूप में सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया जाता है। यह गद्य की सबसे प्रभावशाली  विधा है।

सभी शिक्षा बोर्डों में निबंध सबसे पहला प्रश्न होता है जिसमें अंक निर्धारण बोर्ड के नियमों के आधार पर होता है। 

निबंध की परिभाषा कुछ प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकारों में से

  1. पंडित श्यामसुंदर दास जी के अनुसार-“निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तार पूर्वक और पांडित्य पूर्ण ढंग से विचार किया गया हो।”

2. बाबू गुलाब राय जी के अनुसार- “निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छंदता, सजीवता और क्रमबद्धता के साथ किया गया हो।”

अतः हम कह सकते हैं कि “निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें लेखक सीमित आकार के भीतर अपने विचारों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है।”

निबंध कैसे लिखें? (How to Write Essay in Hindi)

बोर्ड छात्रों के स्तर के आधार पर ही विषयों का चुनाव करता है अतः निबंध लिखना बिल्कुल भी कठिन नहीं होता है। इसके लिए  छात्रों को बिना घबराए एक विषय चुन लेना चाहिए जिसके विषय में उन्हें सबसे अच्छा ज्ञान हो। फिर निबंध के लिए निर्धारित अंकों के आधार पर उसके विभिन्न भागों में लिखने के लिए आवश्यक बिंदुओं को निर्धारित करना चाहिए। निर्धारित अंकों और परीक्षा के लिए दिए गए कुल समय में से उचित समय लेते हुए निबंध लेखन का कार्य करना चाहिए।

निबंध के अंग

निबंध कैसे लिखें - nibandh lekhan

मुख्य रूप से निबंध के 3 अंग होते हैं – आरंभ, विस्तार और उपसंहार।

आरंभ: सबसे पहले निबंध का विषय लिखने के बाद निबंध के विषय का परिचय अर्थात् प्रस्तावना लिखनी चाहिए।यही आरंभ होता है। इसे सुगठित और संक्षिप्त होना चाहिए ताकि परीक्षक हमारे निबंध की झलक उसमें प्राप्त कर ले।

विस्तार: विषय अच्छी तरह से समझकर विस्तार या मध्य भाग पर लेखन आरंभ करने से पहले एक रफ रूपरेखा बना लेनी चाहिए। इस रूपरेखा में लेखन में आने वाले सभी बिंदुओं को क्रमवार पेंसिल से अपनी परीक्षा उत्तर पुस्तिका में लिख लेना चाहिए। इसकी सहायता से हम अपने निबंध को व्यवस्थित व प्रभावशाली रूप से लिख सकते हैं। इस भाग  के लेखन में भली प्रकार से सोचकर, व्यवस्थित रूप से आवश्यक जानकारी को प्रस्तुत करना चाहिए। यह भाग विषय का आवश्यक और आकर्षक भाग होता है जिससे परीक्षक को हमारी विषय संबंधी जानकारी पूरी तरह से मिल जाती है।

उपसंहार: अंत में निबंध को समाप्त करने से पहले उसके  उपसंहार या अंतिम भाग के रूप में हमें विषय से संबंधित अपने विचारों को स्पष्ट रूप से लिखने का अवसर प्राप्त होता है।इसका लाभ उठाते हुए हमें पूरी तरह से सोचे-समझे हुए ढंग से अंतिम अनुच्छेद लिखना चाहिए।

निबंध लेखन: निबंध लिखते समय ध्यान में रखने योग्य बातें

  1. निबंध लिखते समय हमें इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि विषय वही चुना जाए जो हमें पूरी तरह से स्पष्ट हो।

2. पहले हमें निबंध का विषय लिखना चाहिए।

3. अपनी समझ, ज्ञान और अनुभव के आधार पर निबंध को उसके प्रमुख अंगों अर्थात विभिन्न बिंदुओं में बाँट लेना चाहिए।

4. निबंध को सरल भाषा में लिखना चाहिए। कठिन और तत्सम शब्दों का प्रयोग न करके तद्भव यानी बोलचाल की भाषा का प्रयोग निबंध में होना चाहिए। अन्य भाषाओं के प्रचलित शब्दों का प्रयोग भी किया जा सकता है। शब्द ज्यादा साहित्यिक न हों तो गलती होने की संभावना कम हो जाती है।

5. वाक्य छोटे-छोटे हों ताकि आप वाक्य रचना में न उलझकर  ज्यादा गलतियाँ करने से बच जाएँ।

6. निबंध लिखने में एक ही बात को बार-बार दोहराने से बचना चाहिए। इससे हमारे निबंध के प्रभावशाली स्वरूप में कमी आती है।

7. निबंध लिखते समय कारक अर्थात ने, को, पर, के लिए इत्यादि शब्दों का प्रयोग ध्यान से करना चाहिए।

8. देखा जाए तो निबंध लेखन गद्य का एक रूप होता है किंतु एक निबंध को प्रभावशाली बनाने के लिए विषय पर पूरी तरह से सही बैठती हुई काव्य पंक्तियों को लिखना निबंध को और अधिक आकर्षक बना देता है।

9. काव्य पंक्तियों को निबंध के प्रारंभ और अंत में भी लिखा जा सकता है और विषय को समझाने के लिए विस्तार या मध्य भाग में भी दिया जा सकता है।

10. यह आवश्यक नहीं कि आपको इस संबंध में कोई कविता याद ही आ जाए। यदि कोई कविता याद नहीं आती है तो अपनी पंक्तियों को कविता का रूप आप स्वयं ही दे सकते हैं। यहाँ तुकबंदी एक तरह से आपकी सहायता कर सकती है क्योंकि निबंध के बीच में लिखी गई काव्य पंक्तियाँ आपकी बात को परीक्षक के सामने और अच्छी तरह स्पष्ट कर देती हैं।

11. यदि आप सोचते हैं कि आपको अंग्रेजी की कोई कहावत या किसी विद्वान का कोई विचार निबंध के विषय के अनुरूप लग रहा है तो आप उसे रोमन भाषा में या सरल हिंदी में अनुवाद करके भी लिख सकते हैं।

12. निबंध में विषय पर सही बैठते हुए छोटे-छोटे और सरल मुहावरों का प्रयोग भी करना चाहिए।

13. निबंध लिखते समय जो बातें आप अधिक स्पष्ट करना चाहते हैं, चाहें वह किसी का कथन हो या आपके अपने विचार उन्हें रेखांकित भी करना चाहिए।

14. विषय के आधार पर आवश्यक तर्कों और सूचनाओं का भी प्रयोग करना चाहिए।

15. क्रमबद्धता का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है।

16. निबंध  को कहानी की तरह न लिखकर उसमें आवश्यक तथ्यों को ही लिखना चाहिए।

17. निबंध का अंत सार रूप में होना चाहिए इसमें आपके अपने विचार भी सम्मिलित हो सकते हैं।

18. निबंध लिखते समय प्रश्न को भी बीच-बीच में पढ़ते रहना चाहिए ताकि कोई भी उप विषय आप से न छूटे।

19. निबंध लिखते समय निर्धारित शब्द सीमा का भी ध्यान रखना चाहिए।

निबंध के प्रकार

nibandh kaise likha jata hai

वर्णनात्मक- इस तरह के निबंधों में देखे-सुने गए आयोजनों, त्योहारों या प्राकृतिक दृश्यों आदि का वर्णन होता है।

विवरणात्मक- इस तरह के निबंधों में किसी व्यक्ति के जीवन या किन्ही घटनाओं का व्यवस्थित वर्णन लिखा जाता है। 

विचारात्मक- इस तरह के निबंधों में आपको दिए गए विषय पर तर्क सहित अपनी सहमति या असहमति लिखनी होती है। जैसे- सोशल मीडिया के बढ़ते हुए चरण, रोबोट शिक्षक वास्तविक शिक्षक का स्थान ले सकता है, भविष्य के लिए आपकी योजनाएँ, वृद्धावस्था एक अभिशाप।

भावात्मक निबंध- इस तरह के निबंधों में भावों या विचारों की प्रमुखता होती है। इसमें कल्पना और अनुभव के आधार पर किसी विषय के प्रति अपने विचार लिखे जाते हैं।

निबंध लेखन: परीक्षक जिन बिंदुओं पर अंक देते हैं वे हैं

1. किसी विषय को चुनने के बाद उसी पर अपने विचार व्यक्त करना न कि विषय से हटकर निरर्थक बातें लिखना।

2. उस विषय का ज्ञान

3. विषय को प्रस्तुत करने का सही क्रम

4. आवश्यक बातों का लेखन

5. शब्दों और वाक्यों की शुद्धता

6. अनावश्यक विस्तार न होना

7. निबंध का आरंभ मध्य और समाप्ति सोच-समझकर लिखना।

8. जहाँ आवश्यक हो वहाँ काव्य पंक्तियाँ, उदाहरण और तथ्यों को यथास्थान लिखना।

निबंध लेखन की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण विषय

  1. सोशल मीडिया के बढ़ते चरण।

2. रोबोट अध्यापक वास्तविक अध्यापक की जगह ले लेगा।

3. समान आचार संहिता भारत के विकास के लिए उपयोगी है।

4. तकनीकी सुविधाओं के विकास ने मानव को सुविधाओं का दास बना दिया है। 

5. ”पुस्तक एक सच्ची मित्र, गुरु और मार्गदर्शक का कार्य करके जीवन की धारा को बदल सकती है।” अपनी प्रिय पुस्तक के आधार पर इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

6. शिक्षा के माध्यम से बालक और बालिका के मध्य मित्रता और समानता का भाव जागता है। इस विषय पर विस्तारपूर्वक अपने विचार लिखिए। 

7. एक ऐसी मौलिक कहानी लिखिए जिसका अंतिम वाक्य हो- और इस तरह मेरी आँखों पर पड़ा हुआ पर्दा हट गया। 

8. ‘बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेय।’ इस विषय पर एक मौलिक कहानी लिखिए।

9. निस्वार्थ भाव से की गई सहायता से असीम आनंद तथा संतुष्टि प्राप्त होती है। किसी ऐसी ही एक घटना का वर्णन कीजिए जब आपने अपनी समस्याओं की परवाह किए बिना किसी जरूरतमंद की सहायता की थी। यह भी स्पष्ट कीजिए कि इस अनुभव से आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?

10. ‘बालक के नैतिक उत्थान का जिम्मेदार परिवार एवं विद्यालय है।’ विषय के पक्ष या विपक्ष में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

11. आपके विद्यालयी जीवन का यह अंतिम वर्ष है। आज विद्यालय में विदाई समारोह आयोजित किया गया है। आज आपका साथ अध्यापकों और विद्यार्थियों से छूटने वाला है  इन बीते वर्षों के न भूलने वाले रंग बिरंगे अनुभवों को लिखिए।

12. बचपन से लेकर किशोरावस्था तक आप की विचारधारा में अनेक परिवर्तन आए हैं। आप पहले से अधिक समझदार और परिपक्व हो गए हैं। बचपन की ऐसी घटनाओं का वर्णन कीजिए जिन्हें याद करके अब आपको हँसी आ जाती है और आप सोचते हैं अब आप बड़े हो गए हैं।

निबंध लेखन: आपके मार्गदर्शन के लिए कुछ निबंध की रूपरेखा

विषय-1 ‘ बालक के नैतिक उत्थान का जिम्मेदार परिवार, विद्यालय एवं  समाज हैं।’ विषय के पक्ष में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

1. बालक के व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक बातें कौन सी हैं?

2. बालक के नैतिक विकास में परिवार की क्या भूमिका है?

3. बालक के नैतिक विकास में विद्यालय की क्या भूमिका है?

4. बालक के नैतिक विकास में समाज की क्या भूमिका है?

5. यदि यह विकास विकास अधूरा रह जाए तो बालक को इसका क्या दुष्परिणाम भोगना पड़ता है।

6. क्या आज विद्यालय, समाज और परिवार अपने उत्तरदायित्व को निभा पा रहे हैं ?

7. इस विषय में आपके अपने विचार।

विषय-2 ग्लोबल वॉर्मिंग और धरती

1. धरती का प्राकृतिक सौंदर्य और उसकी उपयोगिता।

2. धरती पर बढ़ते हुए संकटों की चर्चा। प्रमुख संकट जिन पर तत्काल ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।

3. संकटों के कारण।

4. ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण।

5. समाधान के उपाय।

6. जन आंदोलन की आवश्यकता।

7. पर्यावरण की रक्षा हेतु युवा पीढ़ी का दृढ़ संकल्प।

आशा करती हूँ कि यह लेख सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी और निबंध लेखन में अच्छे अंक प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा।

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