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कॉमर्स सब्जेक्ट क्या है? | कॉमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?

Commerce Subjects in Hindi

‘वाणिज्य’ यानि ‘व्यापार’ का अध्ययन कॉमर्स सब्जेक्ट के अंतर्गत किया जाता है । कॉमर्स स्ट्रीम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को व्यवसायिक ज्ञान प्रदान करना है,जिसमे व्यापार,व्यवसाय,व्यापार लेखांकन,वित्तीय जानकारी,लेन-देन और बिक्री जैसे अन्य अलग-अलग पहलुओं से सम्बन्धित है।

कॉमर्स सब्जेक्ट का फोकस वित्तीय दुनिया की जानकारी, व्यापारिक प्रक्रिया और आर्थिक योजनाओं पर केंद्रित होता है, इसलिए अक्सर छात्र इसे रुचिकर पाते हैं । इस विषय में आप बैंकिंग व्यवस्था, व्यापार, उद्योग, कानून, मैनेजमेंट, आयात-निर्यात लेखांकन आदि का विस्तार से अध्ययन करते हैं। यह व्यापारिक ज्ञान आपको किसी जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होने की एक मजबूत नीव प्रदान करता है.

कॉमर्स वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं मे एक मेहत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइये कॉमर्स को विस्तृत रूप मे जानते है:-

कॉमर्स सब्जेक्ट

कॉमर्स क्या है? कॉमर्स किसे कहते है?

क्या आप जानते है कॉमर्स सब्जेक्ट क्या है? अगर आप नही जानते है तो आइये जानते है कॉमर्स होता क्या है। कॉमर्स का हिंदी मे पुरा नाम है  ” वाणिज्य वित्त संगठन” यह ऐसा शब्द है जो व्यापार और व्यापारिक साझेदारी को शामिल करता है, इसका उद्देश्य व्यवसायिक कार्यों को सुचारु रूप से प्रबंधित करना है ताकि व्यापारियों का व्यापार स्थिर और वृद्धिशील हो सके,जिससे व्यवसायिक क्षेत्र मे सुधार और वृद्धि हो।

सरल भाषा मे कॉमर्स का अर्थ है – वस्तुओ और सेवाओं को खरीदना और बेचना। यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और व्यवसायो को उपभोगता के साथ जोड़ने मे मेहत्वपूर्ण भूमिका निभाता है,आधुनिक समय मे यह एक अनिवार्य घटक है। जो हमारे  दैनिक जीवन को कई तरीको से आकर देता है, जिससे व्यापार के क्षेत्र मे वृद्धि और सुधार होता है, यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देता और उपभोगता को सेवा प्रदान करता है।

10वीं के बाद कॉमर्स क्यो?

10वीं के बाद कक्षा 11वीं व 12वीं में विषय सुनने का अवसर दिया जाता है, जिसका विभाजन 3 स्ट्रीम में किया जाता है। साइंस,कॉमर्स व आर्ट्स। छात्रों को इन तीन स्ट्रीम में से किसी एक स्ट्रीम का चयन करना होता है। यह छात्रों पर और उनकी रुचि पर निर्भर करता है। कॉमर्स सब्जेक्ट बहुत लोकप्रिय सब्जेक्ट है। इसे वे विद्यार्थी चुन सकते हैं जिनके 10वीं में 40 प्रतिशत या इससे ज्यादा अंक आए हैं और अगर रुचि व्यापार और अर्थव्यववस्था में हो ।

इस विशाल क्षेत्र में अकाउंटिंग,फाइनेंस,बिज़नेस स्टडीज,इकोनॉमिक्स सहित कई तरह के विषय शामिल है।यह व्यापक आधार छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों मे करियर बनाने के विभिन्न प्रकार के अवसर देता है। कॉमर्स स्ट्रीम फाइनेंस,अकाउंटिंग,बैंकिंग और बिज़नेस मैनेजमेंट में करियर के अवसर प्रदान करती है जिससे छात्रों को बिज़नेस में सफल होने के लिए व्यावहारिक कौशल और ज्ञान मिलता है।

जैसे वाणिज्य पढ़ने वाले छात्र वित्त,लेखा,मानव संसाधन और प्रबंधन जैसे विभिन्न करियर के रास्तों में से किसी को भी चुन सकते है,इसी प्रकार ई – कॉमर्स और डिजिटल बिज़नेस ने भी कॉमर्स के छात्रों के लिए रोज़गार के नये अवसर खोले है। साथ ही कॉमर्स का अध्ययन हमेशा ही एम्प्लॉयमेंट Industry में उच्च मांग में रहता है। कॉमर्स की शिक्षा छात्रों को ज्ञान और कौशलों से अवगत कराती है जो व्यापार के लिए अत्यधिक मूल्यवान है,इसके अलावा कॉमर्स शिक्षा का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है क्योंकि यह व्यापार की वृद्धि और विकास में मेहत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कॉमर्स में आपको क्या पढ़ना होता है?

कॉमर्स में पढ़ाई के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान दिया जाता है। यह विषय छात्रों को व्यापार, वित्त और आर्थिक तंत्र की समझ प्रदान करते हैं। कुछ प्रमुख विषय और उनके विवरण :-

1. Accounts

     • वित्तीय लेन देन:  लेन देन की रिकॉर्डिंग और उनका विश्लेषण।

     • लेजर और जर्नल:  लेजर और जर्नल का रख-रखाव और तैयार करना।

     • वित्तीय विवरण:  बैलेंस शीट, लाभ और हानि खाता आदि की तैयारी और विश्लेषण।

2. Business Studies

        • व्यापार के सिद्धांत:  व्यापार के मूलभूत सिद्धांत और प्रथाएं।

       • प्रबंधन:  संगठनात्मक संरचना, प्रबंधन के प्रकार, और प्रबंधन की तकनीकें।

       • विपणन:  विपणन रणनीतियां, बाजार अनुसंधान और विज्ञापन।

3. Economics

      • सूक्ष्म अर्थशास्त्र (Micro-economics): मांग और आपूर्ति, मूल्य निर्धारण, उपभोक्ता व्यवहार।

     • वृहद अर्थशास्त्र (Macro-economics): राष्ट्रीय आय, महंगाई, बेरोजगारी, और आर्थिक नीतियां।

4. Mathematics

       • आकड़े (Statistics): डेटा संग्रहण, और प्रस्तुतिकरण।

       • आर्थिक गणित: वित्तीय गणना, ब्याज, छूट और अनुपात।

5. Finance

       • वित्तीय प्रबंधन: पूंजी प्रबंधन, निवेश की रणनीतियां और वित्तीय विश्लेषण।

       • वित्तीय बाजार: शेयर बाजार, बॉन्ड और अन्य वित्तीय उपकरण।

6. Law

     • व्यापार कानून

     • कंपनी कानून

7. Management

      • प्रबंधन सिद्धांत

     • संगठनात्मक व्यवहार

8. Marketing

      • विपणन की रणनीतियां

      • मार्केट रिसर्च

कॉमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?

आइये जानते हैं कॉमर्स सब्जेक्ट में  कौन-कौन से विषय  पढ़ाए जाते हैं ।  कक्षा 11वीं व 12वीं में आपको career रूचि अनुसार विषय सुनने का अवसर दिया जाता है आपके करियर की सफलता काफी हद तक इस पड़ाव पर किये गए सही चुनाव पर निर्भर करती है इसलिए आइये कॉमर्स सब्जेक्ट को विस्तार में समझें

कॉमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं? कॉमर्स सब्जेक्ट  में निम्न विषय सम्मिलित हैं :-

  • अर्थशास्त्र (Economics)
  • एकाउंटेंसी (Accountancy)
  • बिजनेस स्टडीज (Business Studies)
  • गणित (Mathematics)
  • उद्यमशीलता (Entrepreneurship)
  • अंग्रेज़ी (English)
  • फिजिकल एजुकेशन (Physical Education)/ अन्य वैकल्पिक
  1. अर्थशास्त्र (Economics) – अर्थशास्त्र इस बात का अध्ययन है कि लोग व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से उत्पादन, वितरण और उपभोग के लिए दुर्लभ संसाधनों का आवंटन कैसे करते हैं। अर्थशास्त्र का क्षेत्र राजनीति, सरकार, कानून और व्यवसाय जैसे कई अन्य क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है और उन पर इसका प्रभाव पड़ता है।
  • इसे दो भाग मैं विभाजित किया जाता है:

            – सूक्ष्मअर्थशास्त्र (Micro-economics)– सूक्ष्मअर्थशास्त्र इस बात का अध्ययन है कि जब व्यक्ति प्रोत्साहन, कीमतों, संसाधनों या उत्पादन के तरीकों में बदलाव के जवाब में विकल्प चुनते हैं तो क्या होने की संभावना है। इन परिदृश्यों को प्रवृत्तियों के रूप में भी जाना जाता है। व्यक्तियों को अक्सर खरीदार, विक्रेता और व्यवसाय मालिकों जैसे सूक्ष्म आर्थिक उपसमूहों में बांटा जाता है।

            – वृहदअर्थशास्त्र (Macro-economics) – मैक्रोइकॉनॉमिक्स अर्थशास्त्र की वह शाखा है जो संपूर्ण अर्थव्यवस्था के व्यवहार और प्रदर्शन का अध्ययन करती है। यह अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी, विकास दर, सकल घरेलू उत्पाद और मुद्रास्फीति जैसे समग्र परिवर्तनों पर केंद्रित है।

2. एकाउंटेंसी (Accountancy) – अकाउंटेंसी किसी व्यवसाय के लिए व्यावसायिक लेनदेन को रिकॉर्ड करने, वर्गीकृत करने और रिपोर्ट करने की प्रथा है। यह किसी संगठन के वित्तीय परिणामों और स्थिति के संबंध में प्रबंधन को फीडबैक प्रदान करता है।

            – वित्तीय लेन-देन

            – बैलेंस शीट और लाभ और हानि बताना

3. व्यापार अध्ययन ( Business Studies) – व्यावसायिक अध्ययन एक ऐसा विषय है जो हमारे समाज में मौजूद विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों पर केंद्रित है। • इन गतिविधियों में लाभ कमाने के उद्देश्य से वस्तुओं की खरीद-बिक्री के साथ-साथ लोगों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ भी शामिल हैं।

           – व्यापार के सिद्धांत और प्रथाएं

           – प्रबंधन के आधारभूत सिद्धांत

4. गणित (Mathematics) – आमतौर पर वाणिज्य में उपयोग किए जाने वाले गणित में प्रारंभिक अंकगणित, प्रारंभिक बीजगणित, सांख्यिकी और संभाव्यता शामिल हैं। कुछ प्रबंधन समस्याओं के लिए, अधिक उन्नत गणित – कैलकुलस, मैट्रिक्स बीजगणित, और रैखिक प्रोग्रामिंग

       – सांख्यिकी (Statistics)

       – वित्तीय गणित (Financial Mathematics)

अन्य जानकारी:

जानिए साइंस में कौन कौन से सब्जेक्ट होते हैं?

जानिए आर्ट्स के कितने और कौन-कौन से विषय होते हैं?

कक्षा 11वीं में कॉमर्स के मुख्य एवं वैकल्पिक विषय

अन्य स्ट्रीम जैसे साइंस वह आर्ट्स की तरह कॉमर्स स्ट्रीम में भी पढाएं जाने वाले 6 विषय होते हैं (CBSE), जिसमें पांच मुख्य और एक वैकल्पिक विषय होता है, यह सूची इस प्रकार है :-

S NoSubjectType
1अर्थशास्त्र (Economics)Main/ कोर
2लेखाकर्म (Accountancy)Main/ कोर
3बिजनेस स्टडीज (business studies)Main/ कोर
4अंग्रेज़ी (English)Main/ कोर
5. गणित/आईटी (maths/ IT)Choose one
6OthersOptional/वैकल्पिक

मुख्य विषय (Main Subjects)

कक्षा 11वीं में कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए मुख्य विषय निम्नलिखित होते हैं :

  1. अर्थशास्त्र (Economics)

      • सूक्ष्म अर्थशास्त्र (Micro-economics)

      • वृहद अर्थशास्त्र (Macro-economics)

 2. लेखा (Accountancy)

 3. व्यापार अध्ययन (Business Studies)

4. English

वैकल्पिक विषय (Optional Subjects)

  • भाषा (Hindi, Other)
  • शारीरिक शिक्षा (physical education)
  • कंप्यूटर विज्ञान (computer science)
  • सूचना विज्ञान अभ्यास (informatics practice)
  • गृह विज्ञान (home science)
  • मनोविज्ञान (psychology)
  • ललित कला (fine arts)

Note: – कुछ स्कूलों में वैकल्पिक विषय का चुनाव छात्र स्वयं कर सकते है तथा कुछ स्कूल ऐसे होते जिसमे विषयो का combination स्कूल द्वारा बनाया हुआ होता है।

कक्षा 12वीं में कॉमर्स के मुख्य एवं वैकल्पिक विषय

वैसे तो ग्यारवी और बारहवीं कक्षा के कॉमर्स सब्जेक्ट में ज्यादा फर्क नहीं होता लेकिन अगर आप डिटेल में जाएं तो समझ आता है।  दरअसल फर्क अध्ययन विस्तार में है ।  कक्षा 11 में, सीबीएसई के कॉमर्स स्ट्रीम में अकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडीज़, अर्थशास्त्र, गणित (वैकल्पिक), और अंग्रेज़ी के मूलभूत विषय होते हैं। अकाउंटेंसी में वित्तीय लेखा के आधारभूत तत्व सिखाए जाते हैं, जबकि बिजनेस स्टडीज़ व्यापार के बुनियादी सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करती है। अर्थशास्त्र में सूक्ष्मअर्थशास्त्र की शुरुआत होती है, और गणित में सेट्स और सांख्यिकी शामिल होते हैं।

कक्षा 12 में, ये विषय अधिक उन्नत और विस्तृत होते हैं। अकाउंटेंसी में साझेदारी और कंपनी लेखा जैसे जटिल विषय शामिल होते हैं, जबकि बिजनेस स्टडीज़ में व्यापार वित्त और मार्केटिंग पर गहराई से अध्ययन किया जाता है। अर्थशास्त्र में सूक्ष्म और वृहद अर्थशास्त्र दोनों को शामिल किया जाता है, और गणित में उन्नत विषय जैसे कैलकुलस और संभाव्यता पढ़ाए जाते हैं। इस प्रकार, कक्षा 12 में विषयों की जटिलता और गहराई बढ़ जाती है, जो आगे की पढ़ाई या पेशेवर जीवन के लिए तैयारी करती है।

ग्यारवीं कक्षा की तरह बारवीं में भी पढाएं जाने वाले 6 विषय होते हैं(CBSE), जिसमें पांच मुख्य और एक वैकल्पिक विषय होता है, यह सूची इस प्रकार है :-

S NoSubjectType
1अर्थशास्त्र (Economics)Main/ कोर
2लेखाकर्म (Accountancy)Main/ कोर
3बिजनेस स्टडीज (Business studies)Main/ कोर
4अंग्रेज़ी (English)Main/ कोर
5गणित/आईटी (Maths/ IT)Choose one
6OthersOptional/वैकल्पिक

कक्षा 12वीं में कॉमर्स mein निम्नलिखित मुख्य और वैकल्पिक  विषय होते हैं :

मुख्य विषय (Main Subjects)

  1. अर्थशास्त्र (Economics)

      • सूक्ष्म अर्थशास्त्र (microeconomics)

      • वृहद अर्थशास्त्र (macroeconomics)

 2. लेखा (Accountancy)

 3. व्यापार अध्ययन (Business Studies)

4. English

वैकल्पिक विषय (Optional Subjects)

  • भाषा (Hindi, Other)
  • शारीरिक शिक्षा (physical education)
  • कंप्यूटर विज्ञान (computer science)
  • सूचना विज्ञान अभ्यास (informatics practice)
  • गृह विज्ञान (home science)
  • मनोविज्ञान (psychology)
  • ललित कला (fine arts)

भारत में कौन से कॉमर्स स्ट्रीम बोर्ड उपलब्ध है?

भारत में, कॉमर्स स्ट्रीम के लिए कई शैक्षिक बोर्ड उपलब्ध हैं जो छात्रों को विभिन्न प्रकार की शिक्षा प्रदान करते हैं। मुख्य बोर्ड निम्नलिखित हैं:

सीबीएसई (CBSE): केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड: यह भारत का एक प्रमुख बोर्ड है, जो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित होता है। इस बोर्ड के अंतर्गत, कॉमर्स स्ट्रीम में अकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडीज़, अर्थशास्त्र, गणित (वैकल्पिक), और अंग्रेज़ी जैसे विषय होते हैं। सीबीएसई की पाठ्यचर्या छात्रों को व्यापक और समग्र शिक्षा प्रदान करती है। यह बोर्ड छात्रों को एक मजबूत अकादमिक आधार प्रदान करता है और विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयुक्त है।

State Boards (राज्य बोर्ड): प्रत्येक राज्य में अपना-अपना शिक्षा बोर्ड होता है, जो राज्य की शिक्षा नीतियों के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करता है। राज्य बोर्ड जैसे कि यूपी बोर्ड, महाराष्ट्र बोर्ड, और तमिलनाडु बोर्ड, कॉमर्स स्ट्रीम में भी अकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडीज़, अर्थशास्त्र और गणित जैसे विषय शामिल करते हैं। इन बोर्डों की पाठ्यचर्या राज्य के स्थानीय जरूरतों और संसाधनों के आधार पर तैयार की जाती है।

निदेशालय बोर्ड (NIOS – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग): यह बोर्ड उन छात्रों के लिए है जो पारंपरिक स्कूल प्रणाली से बाहर जाकर शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। यह बोर्ड छात्रों को लचीले समय और अध्ययन के अवसर प्रदान करता है।प्रत्येक बोर्ड की अपनी विशेषताएँ और पाठ्यक्रम होते हैं, जो छात्रों को उनके अध्ययन के तरीके और लक्ष्यों के अनुसार चयन करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

CISCE (Council for the Indian School Certificate Examinations): CISCE एक प्रमुख शिक्षा बोर्ड है जो भारत में 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए परीक्षा आयोजित करता है। CISCE का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह भारतीय प्रमाण पत्र माध्यमिक शिक्षा (ICSE) और भारतीय प्रमाण पत्र उच्च माध्यमिक शिक्षा (ISC) के लिए जिम्मेदार है। यह बोर्ड अधिक उन्नत और विशिष्ट विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है, और उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को अच्छे तैयारी की सुविधा प्रदान करता है।

CISCE की शिक्षा प्रणाली छात्रों को एक विस्तृत और व्यावसायिक दृष्टिकोण से तैयार करने पर जोर देती है, और इसके पाठ्यक्रम में अकादमिक और सह-पाठयक्रम गतिविधियों का संतुलित मिश्रण होता है।

IB (International Baccalaureate): IB बोर्ड भारत में कुछ प्रमुख स्कूलों में उपलब्ध है और इसकी शिक्षा प्रणाली वैश्विक मानकों पर आधारित है। IB बोर्ड की शिक्षा प्रणाली छात्रों को एक अच्छी तरह से गोल और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण प्रदान करती है, जो उन्हें वैश्विक व्यापार और अर्थशास्त्र की जटिलताओं को समझने में सक्षम बनाती है।

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FAQ’s अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. क्या कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को  नौकरी आसानी से मिलती है?

Ans – कॉमर्स स्नातकों की बाजार में भारी डिमांड है । कॉमर्स का दायरा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है और अधिक से अधिक छात्र इस कोर्स के लिए जा रहे हैं। वाणिज्य विषय कैरियर विकास के लिए कई कार्य अवसर और संभावनाएं प्रदान करते हैं।


Q2. कॉमर्स स्ट्रीम किस तरह के Career अवसर प्रदान करती है?

Ans – कॉमर्स की पढ़ाई आपको व्यावसायिक और वित्तीय दुनिया की गहरी समझ प्रदान करती है और  विभिन्न करियर विकल्पों के लिए तैयार करती है जैसे कि चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, वित्तीय विश्लेषक और बिजनेस मैनेजर।


Q3. क्या Commerce विषय वाले छात्र B.Com या BBA कर सकते है?

Ans – Commerce वाले छात्र B.Com, BBA की शिक्षा प्राप्त कर सकते है। बल्कि कॉमर्स बैकग्राउंड BBA जैसे बिज़नेस कोर्सेज के लिए एक अच्छी नीव तैयार करता  है ।


Q4. क्या Commerce स्ट्रीम ek kathin Vishay hai?

Ans – अगर आप अपनी रूचि अनुसार कोर्स का सही चुनाव करेंगे तो आपको पढ़ने में सुविधा रहेगी।  म्हणत, रूचि और सही मार्गदर्शन से आप कॉमर्स सब्जेक्ट में एक सफल career पाएंगे


Q5- कॉमर्स विषय पर सबसे अच्छी किताबें कौन सी हैं?

Ans – आप कॉमर्स सब्जेक्ट के फंडामेंटल्स अच्छी तरह समझने के लिए बेस्ट किताबें dekh देख सकते हैं जैसे “Concept of Commerce Textbook ISC Class 12

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