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हिंदी दिवस 2024: तिथि, अर्थ, थीम, इतिहास और महत्व

Hindi Diwas 2024

भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है जिसमे हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है। इसे भारत की राष्ट्र भाषा माना जाने लगा,लेकिन ऐसा नहीं है, हिन्दी भारत की राजभाषा है न कि राष्ट्रीय भाषा। जिसके अंतर्गत शासकीय  कार्यो के लिए आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी का प्रयोग किया जाए ऐसा निश्चित किया गया । भारत में सबसे अधिक संख्या में लोगों द्वारा बोली व समझी जाने वाली भाषा हिन्दी ही है । हिन्दी भाषा दुनिया भर में बोली जाने वाली लोकप्रिय भाषाओ में तीसरे स्थान पर है। वर्ष 1949 में हिन्दी को हमारी राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ। विभिन्न सर्वो के अनुसार तो दुनिया भर में 800 मिलियन लोग एक दूसरे से संपर्क करने के लिए इसी हिन्दी भाषा का प्रयोग करते है । हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करवाने में विभिन्न साहित्यकारों जैसे- हजारीप्रसाद द्विवेदी,काका कालेलकर,राजेन्द्र सिंह आदि ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई है । हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ावा देने व प्रसारित करने के लिए वर्ष 1953 से पूरे भारत में  प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी- दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हिंदी दिवस 2024

हिंदी दिवस थीम 2024

” हिन्दी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक ” विश्व हिन्दी दिवस 2024 की थीम है । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कथनानुसार भारत दुनिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का केंद्र बनने की क्षमता रखता है। आज हम ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जिससे जीवन का हर एक पहलू कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( critical thinking) से प्रभावित हो रहा है । ऐसे में क्यों ना हिन्दी के प्रचार व प्रसार के लिये हम इसी का सहारा ले। इस बार का यही थीम दुनिया भर में लोगों को आश्चर्यचकित कर रहा है क्योंकि अभी तक हिंदी सम्मेलनों की चर्चा का विषय उसके साहित्यिक सम्मेलन,मीडिया,मनोरंजन आदि होते थे । पहली बार हिन्दी भाषा पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कारण प्रौद्योगिकी,विज्ञान और बाजार आदि मुद्दों पर भी चर्चाओं में है । इसके कारण ही हिन्दी भाषा का अन्य प्रमुख भाषाओं के साथ सम्बंध गहरा व विकसित होगा ।

हिन्दी दिवस का इतिहास

हिन्दी शब्द का मतलब सिंधु नदी की भूमि होता है, शायद 11वी शताब्दी की शुरुआत में फारसी बोलने वाले लोगों ने सिंधु नदी के किनारे रहने वालों लोगों द्वारा बोली जाने वाली इस भाषा को हिन्दी कहा हो। हिन्दी भाषा का प्रयोग भारत में ही नहीं अपितु मॉरिशस,पाकिस्तान,सिंगापुर,कैनेडा,फीजी आदि देशों में भी किया जाता है । हिन्दी की लिपि देवनागरी है ,हिन्दी दिवस प्रसिद्ध साहित्यकार राजेन्द्र सिंह की जयंती का भी प्रतीक है । हिन्दी को समर्पित हिन्दी दिवस पहली बार 1953 में मनाया गया था। संविधान निर्माताओं ने इसे महत्पूर्ण मानते हुए भाग 17 के अनुच्छेद 343 (A) में इसका उल्लेख करते हुए कलमबद्ध किया कि राष्ट्र की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। महत्पूर्ण जानकारियों के अनुसार हिन्दी में सबसे पहले वीरों की गाथा लिखी गई:-

1000 इसवी- पहली हिन्दी रचना “खुमान रासो इसे आज के आल्हा जैसा मान सकते हैं।

1212 इसवी-” विसलदेव रासो ” इसे राजपूतों का इतिहास माना जाता है । इसमे राजा विसलदेव की पूरी कहानी है ।

1225-1249 इसवी- हिन्दी के पहले नामी कवि – चंद्रवरदाई द्वारा लिखी गई “पृथ्वीराज रासो “

1340 इसवी- अमीर खुसरो ने फारसी और हिन्दी में कई पहेलियाँ,गीत और दोहे लिखे उदाहरणार्थ:-

एक नार ने अचरज किया,

सांप मारी पिंजरे में दिया।

जोजो सांप ताल को खाए ,

सूखे ताल सांप मरी जाए।।

हिन्दी दिवस का महत्व

अंग्रेजी भाषा के बढ़ते महत्व और हिन्दी के प्रचालन में कमी को देखते हुए हिन्दी दिवस मनाया जाना अत्याधिक महत्पूर्ण है ,क्योंकि हिन्दी दुनिया में बोली जाने वाली 5 प्रमुख भाषाओं में से 1 है । देश में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिन्दी की उपेक्षा को रोकना ही इस दिवस का प्रमुख उद्देश्य है ,गांधी जी के कथनानुसार हिन्दी जन- जन की भाषा है इसलिए देश में इसका व्यापक प्रचार व प्रसार अति महत्वपूर्ण है । अनेक भाषाओं वाले भारत राष्ट्र में हिन्दी को आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने का मुख्य कारण प्रशासनिक कार्यो को सरल बनाना था । युवाओं में अंग्रेजी भाषा के प्रति बढ़ते प्रचलन और आकर्षण को देखते हुए हिन्दी के इस्तेमाल को बढ़ाना नितांत आवश्यक था । हिन्दी दिवस के दौरान देश भर के कोने- कोने में अलग- अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते है हिन्दी दिवस इसलिए भी हमारे लिए अति महत्वपूर्ण है।

हिन्दी भाषा तथ्य

  • हिन्दी की उत्पत्ति आर्य भाषा संस्कृत से हुई। बाद में प्राकृत और पाली से अपभ्रंश हुए उसके बाद यह हिन्दी कहलाई।
  • अंग्रेजी की रोमन लिपि में जहाँ 26 वर्ण हैं वही हिन्दी की देवनागरी लिपि में उससे दोगुने 52 वर्ण हैं।
  • सिन्धु सभ्यता और उस क्षेत्र के लोगों को हिन्दू कहा जाने के कारण या फारसी शब्द हिन्द से इसका नाम हिन्दी पड़ा ।
  • हिन्दी भाषा में जो लिखा जाता है उसी का उच्चारण किया जाता है। इसकी लेखनी ध्वनिप्रधान है जो अंग्रेज़ी से बिल्कुल अलग है।
  • 1930 के दशक में पहला typewriter बाजार में आ गया था।
  • पहला वेबपोर्टल, वेब दुनिया ( हिन्दी) सन 2000 में इन्टरनेट पर आया जिसके कारण हिन्दी संसार में तेजी से अस्तित्व में आई।
  • हिन्दी को 1949 में शासकीय भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया था, बाद में इसे राजभाषा का दर्जा दिया गया।
  • चीनी,स्पेनिश,अंग्रेजी के बाद हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली लोकप्रिय भाषाओ में से एक है जिसे लगभग 80 करोड़ से भी ज्यादा लोग बोलते है।

हिन्दी को बढावा देने के लिए सरकारी पहल

प्राय देखा जाता है कि पश्चिमी देशों की होड में लगा भारतीय समाज अंग्रेजी भाषा के प्रति आकर्षित होकर हिन्दी के महत्व को कम कर रहा है। इसके लिए सरकार की तरफ से ठोस व महत्पूर्ण कदम लिए जा रहे हैं। सरकारी विभागों और दफ्तरों में अंग्रेजी भाषा के स्थान पर राजभाषा  हिन्दी का उपयोग किया जाता है।  वर्तमान सरकार हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, हर साल करोड़ों रुपये का बजट पास करने के साथ-साथ डिजिटल टूल्स का भी अविष्कार कर रही है। इसी सरकारी पहल के अंतर्गत लीला-LILA नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन भी बनाया गया है, जिसके माध्यम से लोग सरलता से हिन्दी भाषा समझ व सीख सकते हैं, आसानी से सीखने के कारण ही इस एप्लीकेशन का नाम लीला पड़ा,लीला का संस्कृत अर्थ है ” क्रीड़ा”। इसके अलावा नई शिक्षा नीति द्वारा भी हिन्दी भाषा को बढावा देने की एक अच्छी पहल है। मेडिकल और इन्जीनियरिंग की शिक्षा भी हिन्दी भाषा में दी जा रही है|

हिन्दी दिवस के नारे

:- भाषा पर अभिमान है,

   हिन्दी से सम्मान है।

:- आओ मिलकर लें हम कसम,

   हिन्दी भाषी बनेंगे हम।

:- हिन्दी से है हिन्दुस्तान,

   हिन्दी है हमारी पहचान।

:- सब भाषाओं का करो सम्मान,

   पर हिन्दी से ही है हमारी पहचान।

:- सबसे प्यारी,जगत से न्यारी,

   हिन्दी है राजभाषा हमारी।

:- आओ राजभाषा में काम करे हम,

   हिन्दी भाषा का सम्मान करें हम।

:- भारतीय जन- जन का यही है नारा,

    हिंदीभाषी राष्ट्र हो हमारा ।

:- हिन्दी भाषा हमारी,हमको है जान से प्यारी,

   यही बनाती है विश्व में हिन्दुस्तान की पहचान निराली।

:- हर स्त्री के माथे पर स्थान जो है बिंदी का,

   भारत देश की भाषाओं में स्थान वही है हिन्दी का ।

:- एक ही भाषा एक ही सोच,

   हिन्दी भाषा फैले चारों ओर।

:- घर-घर में पहुँचे ये नारा,

   हिन्दी मय बने विश्व ये सारा।

:- हिन्दी भाषा पहचान है मेरी,

   इससे ही तो शान है मेरी।

हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ

  • आइये हिन्दी बोलें,सीखें और सिखाएँ क्योंकि हिन्दी केवल हमारी भाषा ही नहीं बल्कि हमारी पहचान भी है। इस पावन पर्व पर, हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • हिन्दी केवल हिन्दुस्तान की ही भाषा नहीं,अपितु संपूर्ण विश्व में फैले भारतीयों के हृदय की वाणी बने इसी कामना के साथ हिन्दी दिवस की बहुत-बहुत बधाई।
  • सारा भारत करें पुकार,हिन्दी फैले सात समुन्द्र पार, ऐसी भावनाओं के साथ हिन्दी दिवस की मुबारकबाद।
  • हिन्दी हमारी राजभाषा भी है और मातृभाषा भी। यह भारत की सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर का महत्पूर्ण हिस्सा है,इसलिए हम सबको इसका महत्व समझकर हिन्दी को बढावा देना चाहिए, हम सबका यही उद्देश्य होना चाहिए की अपनी राज्यभाषा को बढावा दें। ऐसी आशा और उम्मीद के साथ हिन्दी दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।
  • रोचक,सरल,मनोहारी,अपनी हिन्दी भाषा प्यारी, हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं।
  • गंगाजल सी पावन हिन्दी, हिन्द वासियों की शान है हिन्दी, हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • हिन्दुस्तान के मस्तक की बिंदी,
    जन-जन की भाषा है हिन्दी।
    हिन्दी दिवस की ढेरों बधाई।

हिन्दी दिवस मनाने के तरीके

हिंदी दिवस पर स्कूल,कॉलेज और  कार्यालयो में विशेष आयोजन किए जाते हैं। जैसे सुलेख प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता आदि। इनमें प्रथम,द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कार व पदकों से सम्मानित भी किया जाता है।इसके अलावा जगह-जगह पर भाषण प्रतियोगिता व कविता प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। साथ ही नाटकों का भी मंचन किया जाता है। इस दिन हिंदी भाषा प्रेमी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से सम्मेलन भी आयोजित कर सकते हैं। हिंदी दिवस पर वह हिंदी प्रेमियों को अपनी शुभकामनाएं संदेश भी भेज सकते हैं।

छोटे विद्यालयी बच्चों के साथ भी छोटे-छोटे आयोजन करके हिंदी दिवस मना सकते हैं। जैसे उनसे हम कविता सुनकर चित्र या पोस्ट बनवाकर , चुटकुले, कहानियां, सुलेख प्रतियोगिता करवाकर हिंदी भाषा के प्रति जागरूक कर सकते हैं। भारतीय  कर्मचारियों, लेखकों आदि को भाषा में उनके योगदान के लिए राज्यभाषा कीर्ति और राज्यभाषा  गौरव जैसे पुरस्कार भी प्रदान किए जाते है।

भारत में पहला हिंदी दिवस कब मनाया गया

हिंदी दिवस मनाने की पहल देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सन 1949 में की। हिंदी भाषा के महत्व और उपयोग को देखते हुए नेहरू जी ने हिंदी दिवस मनाने की आधिकारिक घोषणा की और तब से 14 सितंबर यानी महान साहित्यकार  राजेंद्र सिंह की जयंती पर हर साल हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, विभिन्न मंत्रालयों, विभागो राष्ट्रीयकृत बैंकों में हिंदी भाषा प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है व पुरस्कार वितरण भी किए जाते है। हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के कहने पर 1953 से पूरे भारत में हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाने लगा| भारतीय विद्वान,हिंदी प्रतिष्ठित संस्कृतविद और एक इतिहासकार होने के कारण हिंदी कवि राजेंद्र सिंह की जयंती को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने का कारण यह भी है कि उन्होंने हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।

हिंदी दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य

हिंदी दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य है कि हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ाना।l छोटों से लेकर बड़ों तक सभी को हिंदी भाषा के लिए जागरूक करना क्योंकि हिंदी सिर्फ एक भाषा मात्रा न होकर भारत के 52.8 करोड़ लोगों को आपस में एक दूसरे से जोड़ने की एक अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी है हिंदी भाषा की जननी है और पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति के प्रकार की एक मजबूत कड़ी है। यह जनआंदोलन की प्रमुख भाषा भी रही है ऐसे में इसका व्यापक प्रसार हो, इसीलिए लिए वर्ष में एक दिन हिंदी दिवस मनाकर लोगों को यह प्रमुख संदेश देना है की जब तक हिंदी भाषा का पूर्व रूप से प्रयोग नहीं करेंगे तब तक हिंदी भाषा का विकास पूर्व रूप से नहीं होगा।

पुरस्कार:

  1. राजभाषा गौरव पुरस्कार : यह पुरस्कार भारत के उसे नागरिक को दिया जाता है जिसने हिंदी भाषा में विज्ञान और तकनीकी पर कोई पुस्तक लिखी हो। यह पुरस्कार कल 13 लोगों को दिया जाता है। इसमें प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 2 लाख रुपए,द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 1.5 लाख रुपये वह तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 75000 रुपए मिलते हैं।साथ ही 10 लोगों को प्रोत्साहन के रूप में ₹10000 की धनराशि दी जाती है तथा सभी 13 व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए जाते हैं।

2. राजभाषा कीर्ति पुरस्कार: यह पुरस्कार किसी व्यक्ति विशेष को न देकर किसी संस्थान या कार्यालय आदि को हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के कारण दिया जाता है।

हिन्दी दिवस थीम 2024

निष्कर्ष

हिंदी भारत में सबसे व्यापक रूप से बोले जाने वाली भाषा है, परंतु भारत की ही आबादी का एक ऐसा हिस्सा भी है जो निरक्षरता का वंश झेल रहा है जिसके कारण वह हिंदी ज्ञान और उसकी संस्कृति की प्रचुरता तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में हम जब हिंदी दिवस मनाए तो यह संज्ञान में ले कि हमें व्यापक साक्षरता पहल और शैक्षिक सुधारो की आवश्यकता को भी पहचान चाहिए ताकि प्रत्येक भारतीय को हिंदी भाषा और इसकी विरासत से जुड़ने का अवसर मिले। तो लिए इस खास दिन पर हम हिंदी भाषा के  सम्मान और उसके व्यापक प्रचार व प्रसार की शपथ लें तथा यह सुनिश्चित करें कि हिंदी भाषा न केवल भारत अपितु पूरे विश्व में फैले और फलती-फूलती रहे और आने वाली पीढ़ियों को इसके अधिकाधिक प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें।और साथ ही आशा करते हैं की हिन्दी भाषा को संयुक्त राष्ट्र में शीघ्र अति शीघ्र आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त हो।

FAQs

Q1. प्रतिवर्ष हिंदी दिवस किस तिथि को मनाया जाता है ?

Ans – 14 सितंबर।


Q2. आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस कब मनाया गया है ?

Ans – 14 सितंबर 1953 में।


Q3. हिंदी दिवस के दिन किस लेखक व साहित्यकार की जयंती भी मनाई जाती है ?

Ans – राजेंद्र सिंह की।


Q4. क्या हिंदी को राष्ट्रभाषा का भी दर्जा प्राप्त है?

Ans – नहीं।


Q5. हिन्दी दिवस पर दिए जाने वाले पुरूस्कार कौन-कौन से हैं?

Ans – राजभाषा गौरव पुरूस्कार,राजभाषा कीर्ति पुरूस्कार।


Q6. भारत के अलावा और कौन कौन से देशों में हिन्दी हिन्दी बोली जाती है?

Ans – भारत के अलावा बांग्लादेश,नेपाल, मॉरीशस,सिंगापुर,पाकिस्तान, फीजी आदि देशों में भी हिन्दी भाषा बोली जाती है।


Q7. विश्व हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है?

Ans – 10 जनवरी को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।

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