पढाई में सफलता हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है. समय चाहे कितना भी बदल जाये, या आपकी रूचि चाहे किसी भी क्षेत्र में हो, एक मजबूत शिक्षा का आधार, न केवल सुखी जीवन के लिए आवश्यक है बल्कि एक संपूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए भी जरूरी है. सभी अभिवावक और छात्र चाहते हैं पढाई में एक सफल मुकाम हासिल करना। इस नए तकनीकी युग में जहाँ, चौबीस घंटे हमारे चारो तरफ शोर है, कभी whatsapp नोटिफेक्शन तो कभी, latest न्यूज़ का tweet, पढाई करना आसान नहीं है.
ऐसे में सवाल जैसे “पढ़ने का सही तारिका क्या है” या फिर “पढाई कैसे करते हैं” दिमाग में आना स्वाभाविक हैं, और यह आपकी जीवन में सफल होने की प्रबल इच्छा दिखते हैं. दरअसल अगर आपको स्टडी करने का सही तरीका पता हो तो न सिर्फ आप इसमें सफल होंगे बल्कि हर कदम पर इसे enjoy भी करेंगे.
हम यहाँ कुछ बेसिक और आसान points पर चर्चा करेंगे जिसे समझ और पालन करके आप अपनी पढाई ज्यादा कॉन्फिडेंस और आनंद के साथ कर पाएंगे, तो आइए जानते हैं|
- ▪ एक लक्ष्य ज़रूर चुने:-
- ▪ हमेशा नियमित आत्म परीक्षण दें:-
- ▪ परीक्षा के समय पहले की पढ़ाई पर निर्भर न रहे:-
- ▪ हमेशा मन को शांत रखें:-
- ▪ परीक्षा के आखिरी दिनों में रिवीजन के लिए टाइम बचा कर रखें:-
- ▪ मॉक टेस्ट व पुराने पेपर हल करें:-
- ▪ स्टडी टाइम-टेबल बनाएं:-
- ▪ क्लास डिस्कशन में भाग ले:-
- ▪ पढ़ाई करते समय बीच में थोड़ा सा विश्राम करें:-
- ▪ किसी की भी सहायता लेते समय शर्माना नहीं चाहिए:-
- ▪ पढ़ाई को बोझ ना बनाए:-
- ▪ अभ्यास समूह में करने की कोशिश करें:-
- ▪ पढ़ने का तरीका उपयोग करने के साथ निम्नलिखित बातें भी याद रखें:-
- ▪ बच्चों के लिए पढ़ने के लिए तरीके:-
- ▪ पढ़ने के तरीकों के साथ मन लगाने के तरीके:-
- ▪ रात को बनाए अगले दिन की योजना:-
- ▪ अध्ययन की अवधि का खास ध्यान रखें:-
- ▪ नोट्स बनाकर पढ़े या हमारे स्टडी मैटेरियल्स का प्रयोग करे:-
- ▪ FAQ's
एक लक्ष्य ज़रूर चुने:-
लक्ष्य चुनना पढ़ने के तरीके का अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु है. जब तक हम अपने लक्ष्य का निर्धारण नहीं करते तब तक हमारा भटकाव की स्थिति में रहते हैं। लक्ष्य का निर्धारण आपके ध्यान को एकाग्र करने के लिए जरूरी है। इससे आत्मनियंत्रण में भी मदद मिलती है, जो की स्मार्ट फ़ोन युग में बहुत सहायक है। इसलिए सर्वप्रथम लक्षण निर्धारण करें। इसके लिए हम S.M.A.R.T GOAL तकनीक का यूज़ करेंगे. आपका लक्ष्य इन पॉइंट्स पर केंद्रित होना चाहिए :
S – Specific (उदाहरण – वीकडे में हर दिन 8hrs घंटे पढ़ना होगा)
M- Measurable (आप इसको चेक कर सकते हैं, निर्धारित घंटे पढ़ा या नहीं)
A-Achievable (क्या आप एक दिन में इतना सच में पढ़ पाएंगे ?)
R-Relevant (क्या ये पढाई सही दिशा में की जा रही है)
T-Time Bound (वह निश्चित समय क्या है जिसमे आप पढ़ेंगे)
हमेशा नियमित आत्म परीक्षण दें:-
परीक्षा में आप अच्छे नंबर ला सकें इसके लिए नियमित अभ्यास व नियमित आत्म परीक्षण अत्यंत आवश्यक है. क्योंकि अगर आप जो भी पढ़ते हैं, उसका रोज दोबारा अभ्यास करते हैं तो आप अपना मूल्यांकन कर सकते हैं कि आपने कितना सीखा. अगर आपको आज कोई पाठ समझने में कठिनाई होती है तो कल आप जाकर उसे अपने शिक्षकों या सहपाठीयों की मदद से दोबारा समझ सकते हैं। यह चीज अगर आप रोज आकर करें तो आपको परीक्षा के समय ज्यादा कठिनाई नहीं होगी और आप ऐसे समय में अपने आप को शांत व तनावमुक्त रखकर अच्छे से परीक्षा दे पाएंगे। नियमित आत्मपरीक्षण में अपने दिन भर जो भी पढ़ा है, आप उसके छोटे-छोटे नोट्स भी तैयार कर सकते हैं जो आपको जल्द ही याद हो जाएंगे बिना किसी कठिनाई के।और इन नोट्स से आप छोटे छोटे प्रश्न तैयार करके अपनी समझ को भी जांच सकते हैं कि आपको उस विषय में कितना आता है और कितना नहीं। इस तरह लगातार revision करने से आपकी विषय की समझ गहरी रहेगी
परीक्षा के समय पहले की पढ़ाई पर निर्भर न रहे:-
हर दिन लगातार पढ़ने के बाद भी, यह बहुत जरूरी है की परीक्षा के लिए अलग से तैयारी की जाए और हम परीक्षा के समय पहले की पढ़ाई पर निर्भर न रहे.. हम नियमित रूप से पढाई इसलिए करते हैं ताकि विषय पर हमारी मजबूत पकड़ रहे. लेकिन परीक्षा में हमारी और भी बहुत skills का टेस्ट होता है. जैसे टाइम मैनेजमेंट, राइटिंग स्किल्स एंड स्पीड इत्यादि। लिखने का अभ्यास भी नितांत आवश्यक है। अगर आपको कहीं कोई समस्या आ रही हो तो अपने शिक्षकों से या ग्रुप डिस्कशन कर आ रही समस्या का समाधान कर सकते है। परीक्षा के समय रिवीजन के लिए समय आवश्यक बचाकर रखें। कठिन विषयों पर ज्यादा समय दें। सही सिलेबस की जानकारी लें। Best Books , Correct Notes और अन्य अध्ययन सामग्री इकठ्ठा करें. अच्छे संसाधनों की तैयारी के साथ, आप अपने अध्ययन के हर कदम को सुव्यवस्थित कर सकते हैं, जिससे आपका समय और मेहनत दोनों सही दिशा में लगेंगे।
परीक्षा के समय सबसे आवश्यक तो यह है कि आप कितना भी पढ़े शांत व एकाग्रता के साथ पढ़ें।
हमेशा मन को शांत रखें:-
अपने मन को अवश्य शांत रखकर पढ़ें क्योंकि शांत मन से पढ़ा हुआ हम अधिक समय तक याद रख सकते हैं। जब दिमाग शांत होता है, तो जटिल विषयों को समझना और याद रखना आसान हो जाता. मन को शांत रखने के लिए हम अलग अलग तरीके अपना सकते हैं। मैडिटेशन इसमें बहुत सहायक है। अगर आप दिन की शुरुआत में १५ min भी मैडिटेशन कर लें तो आप देखेंगे मन काफी शांत रहेगा। रेगुलर एक्ससरसीसे, ताज़ी हवा , योग, सकारात्मक सोच भी इसमें लाभदायक हैं. इधर उधर की अनावश्यक बातों को सुनने से बचें, नहीं तो आपकी सारी दिमागी ऊर्जा फालतू बातों में ही नष्ट हो जाएगी और ऐसी बातें आपके दिमाग को बाद में भी शांत नहीं रहने देंगी। पढ़ाई करते समय बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक भी लें, जिससे आपको पढ़ाई बोझ भी ना लगे और आपका दिमाग शांत और तरोताजा भी रहे।
परीक्षा के आखिरी दिनों में रिवीजन के लिए टाइम बचा कर रखें:-
परीक्षा के अंतिम क्षण सभी छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में सभी छात्रों के लिए आवश्यक है कि वह परीक्षा के समय रिवीजन के लिए समय अवश्य बचा कर रखे और रिवीजन में आप किसी टॉपिक को समझने के लिए या पूर्व में बनाए गए नोट्स व अन्य चीजों का आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते हैं।यह उपाय ऐसे छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो कहते हैं कि सुबह जल्दी उठकर और रात तक जागने पर भी हमारा सिलेबस पूरा नहीं हो रहा है। ऐसे छात्रों को अध्ययन की नई तकनीको पर ध्यान ज्यादा उपयोगी रहेगा। जैसे की समय बचाने के लिए परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट और पुराने पेपरों को हल करना एक स्मार्ट कदम है इससे न केवल आपको यह पता चलता है कि आपने कितनी अच्छी तरह से तैयारी की है, बल्कि यह भी समझ आता है कि आपको किन टॉपिक्स पर और मेहनत करनी चाहिए।
मॉक टेस्ट व पुराने पेपर हल करें:-
छात्रों के लिए आवश्यक है कि वे पुराने प्रश्न पत्र हल करने के साथ-साथ मॉक टेस्ट द्वारा भी अभ्यास करें। ऐसा करने से आप जान पाएंगे कि आपने कितना सीखा है? और अब आपको अपने किस विषय पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।मॉक टेस्ट करने से आपको सीमित समय में पेपर हल करने की अपनी स्पीड के विषय में भी पता चल जाएगा और अगर आपकी स्पीड कम होगी तो आप अभ्यास करके अपनी स्पीड को भी सुधर सकते हैं। इसी तरह से पुराने प्रश्न पत्रों को हल करने से आपको अपनी परीक्षा के प्रारूप के बारे में पता चल जाएगा और आप उसी के अनुरूप अपनी तैयारी करेंगे। पुराने पेपर में मॉक टेस्ट हमारे रिवीजन करने का भी एक उपयोगी तरीका है। इनके द्वारा रिवीजन के साथ-साथ आप अपने समय प्रबंधन को भी जांच कर लेंगे और आपके नंबर स्कीम की भी अच्छी जानकारी हो जाएगी बशर्तें कि आप मॉक टेस्ट व पुराने प्रश्न पत्रों को मुख्य परीक्षा की तरह ही ईमानदारी से हल करें। अधिक जानकारी के लिए आप https://oswal.io/ भी चेक कर सकते हैं, यहाँ पर काफी आसान तरीके से विषयों को समझाया गया है
आप हमारी पुस्तकें चेकआउट कर सकते हैं: – Click Here
स्टडी टाइम-टेबल बनाएं:-
छात्र जीवन में समय संबसे कीमती चीज़ है, क्योंकि समय का सदुपयोग ही यह निर्धारित करता है की चुने गए लक्ष्य में कितनी सफलता मिलेगी। समय को सही तरीके के इस्तमाल के लिए प्लानिंग और टाइम टेबल बहुत जरूरी हैं. टाइम टेबल आपकी पढ़ाई को न सिर्फ व्यवस्थित करता है, बल्कि आपको यह भी एहसास कराता है कि आप किस दिशा में जा रहे हैं। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, क्योंकि आप जानते हैं कि आपने हर विषय को पर्याप्त समय दिया है।
इसलिए स्टडी टाइम टेबल बनाएं. टाइम टेबल आपकी पढ़ाई को न सिर्फ व्यवस्थित करता है, बल्कि आपको यह भी एहसास कराता है कि आप किस दिशा में जा रहे हैं। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, क्योंकि आप जानते हैं कि आपने हर विषय को पर्याप्त समय दिया है। स्टडी टाइम टेबल द्वारा हम अपने विषयों की समय सीमा का विभाजन करते है जिससे हमारा समय भी नष्ट नहीं होता और जब हम अपने कार्यों के लिए समय सीमा निर्धारित कर लेते हैं तो काम टालने वाली स्थिति से भी बच जाते हैं। योजना बनाना अच्छे टाइम टेबल की आधारिकता है जिसकी मदद से हम अपने दिमाग को तनाव में आने की स्थिति से भी बचा सकते हैं।
क्लास डिस्कशन में भाग ले:-
क्लास डिस्कशन में भाग लेने से आप अपने विचारों का आदान- प्रदान करके पढ़ने में आ रही अपनी कठिनाइयों को एक दूसरे की सहायता से दूर कर सकते है । क्योंकि हर व्यक्ति की समझ और समझने का अपना एक अलग तरीका होता है, जब हम क्लास डिस्कशन में किसी विषय पर चर्चा करते है तो हम अन्य दूसरे लोगो की बातों पर विशेष ध्यान देते है और फलस्वरूप ये बातें हमे जल्दी याद हो जाती है। परंतु ध्यान रहे की क्लास डिस्कशन में अति उग्र, अति उत्साही ना हो अपितु सबके सामने बातों को प्रभावी ढंग से रखें की ग्रुप डिस्कशन में हम चर्चा कर रहे अपने मुद्दों से न भटके अन्यथा हम अपना कीमती समय नष्ट कर देंगे।
दूसरों से समझने में शर्माना नहीं चाहिए और तुरंत ही दूसरों से समझ या पूछ लेना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपने विषय को मजबूत करने के साथ-साथ अपनी समस्या का भी समाधान कर लेते हैं। अगर हम शर्माते हैं तो अपने कठिनाइयों को स्वयं दूर नहीं कर पाएंगे और बिना किसी से समझे हम उसे विषय पर अपनी पकड़ भी मजबूत नहीं बना पाएंगे और हमें उसे विषय में दुविधा की स्थिति में ही रहना होगा और दुविधा से बचने का उपाय है की बिना शर्माए हम अपने विषय वस्तु की कठिनाइयों को दूसरे की सहायता से दूर कर ले।
पढ़ाई करते समय बीच में थोड़ा सा विश्राम करें:-
पढ़ाई के साथ-साथ थोड़ा विश्राम भी जरूरी है। भरपूर नींद और उचित आहार आपके दिमाग को ताजगी प्रदान करते हैं और ऊर्जा को बनाए रखते हैं। लगातार पढ़ाई से दिमाग थक जाता है, इसलिए बीच-बीच में विश्राम लेने से मानसिक ताजगी बनी रहती है। हमारा दिमाग लगातार काम करने पर थकान महसूस करता है और उसकी ध्यान लगाने करने की क्षमता घट जाती है। छोटे-छोटे ब्रेक लेने से जो आराम मिलता है, जिससे यह नई ऊर्जा के साथ कार्य करने के लिए तैयार हो जाता है। यह ऐसा है जैसे बैटरी ड्रेन होने पर मोबाइल चार्ज करने के बाद हम उसे फिर यूज़ कर पाते हैं . इस मानसिक रिचार्ज के बाद हमें जानकारी को बेहतर ढंग से संसाधित करने और याद रखने में मदद करती है, जिससे अध्ययन अधिक प्रभावी हो जाता है।
किसी की भी सहायता लेते समय शर्माना नहीं चाहिए:-
छात्र जीवन में कभी भी, कुछ भी पूछने या फिर किसी की भी सहायता लेते समय शर्माना नहीं चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सीखने की प्रक्रिया में मदद लेना बेहद ज़रूरी है। बहुत सारी चीज़ें होती हैं जो हमें नहीं आती, हर किसी का अपना समझने का और समझाने का तरीका भी अलग होता है। बल्कि दुनिया के सबसे महान लोग तो बिना संकोच सारी जिंदगी सबसे सीखने की कोशिश करते आये हैं. तो अपने शिक्षकों, माता-पिता, या दोस्तों से मदद मांगना बिलकुल सामान्य है। यह सोचकर कि लोग क्या कहेंगे, सहायता न लेना हमारी अपनी प्रगति को रोक सकता है। कोई भी इंसान हर चीज़ में परिपूर्ण नहीं होता, और हर किसी को कभी न कभी किसी की सहायता की ज़रूरत पड़ती है।
जब आप किसी से मदद मांगते हैं, तो यह आपकी जिज्ञासा और सीखने की इच्छा को दर्शाता है। यह आपकी कमजोरी नहीं बल्कि आपकी समझदारी है। अपने सहपाठियों से सवाल पूछना या अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेना आपकी समझ को और गहरा बना सकता है।
मदद लेना आपको सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि जीवन में भी कई मुश्किलों से बचाता है। अगर आप खुलकर अपनी समस्याएं साझा करेंगे, तो आपको समाधान भी जल्दी मिलेगा। इसलिए, सहायता लेने में कभी संकोच न करें। इसे एक अवसर की तरह देखें जिससे आप बेहतर बन सकते हैं और अपनी पढ़ाई में सफल हो सकते हैं। हर सवाल आपको आगे बढ़ाने का एक कदम है। आप इसके लिया Online या Offline Communities का भाग भी बन सकते हैं
पढ़ाई को बोझ ना बनाए:-
बच्चों पर पढ़ाई आजकल बोझ बनती जा रही है पर ऐसा कतई नहीं है। पढ़ाई को बोझ बनने में अभिभावक भी हिस्सेदार है क्योंकि वह अपने बच्चों से अधिकाधिक उम्मीद कर बैठते हैं, ऐसे में बच्चों पर अतिरिक्त दबाव पड़ जाता है और वह पढ़ाई को बोझ मान लेते हैं। इसलिए आवश्यक है की माता-पिता अपने बच्चों की रुचियां व समस्याओं से भली भांति परिचित होकर उन्हें उनकी रूचियों के हिसाब से विषय दिलवाएं जिससे बच्चे तनाव मुक्त रह सके वर्ना पढ़ाई का तनाव उन्हें डिप्रेशन या एंजायटी जैसी मनोवैज्ञानिक बीमारियों का रोगी बना देता है। साथ ही अध्यापकों के लिए भी आवश्यक है कि वे अपनी शिक्षण योजनाओं में आवश्यक गतिविधियों का प्रयोग करें जिससे छात्रों के लिए शिक्षा आनंदमयी व रुचिकर हो और उन्हें पढ़ाई बोझ न लगे साथ ही सीखने की इस प्रक्रिया में सहर्ष व रुचि के साथ अपनी भागीदारी करें।
अभ्यास समूह में करने की कोशिश करें:-
अभ्यास समूह में करने की कोशिश करें क्योंकि समूह में पढ़ाई करने से कई फायदे होते हैं। एक साथ मिलकर पढ़ने से आप नई चीजें आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हर छात्र की सोच और समझ अलग होती है। समूह में अध्ययन करने से एक-दूसरे के सवालों के जवाब मिलते हैं और जटिल विषयों को समझना आसान हो जाता है।
समूह में अभ्यास करने के लिए एक समय और स्थान तय करें, जहाँ सभी छात्र एक साथ बैठकर पढ़ सकें। पहले से ही तय करें कि किस विषय पर फोकस करना है और कौन कौन से टॉपिक पर चर्चा करनी है। हर किसी को अपनी समस्याओं को खुले तौर पर साझा करने और एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करें।
समूह अध्ययन में कुछ चुनौतियाँ भी हो सकती हैं, जैसे ध्यान भटकना या बहस में उलझ जाना। इसे हल करने के लिए नियम बनाएं, जैसे पढ़ाई के बीच में मोबाइल का इस्तेमाल न करना और समय का सही तरीके से विभाजन करना, ताकि पढ़ाई प्रभावी और फोकस्ड रहे।
पढ़ने का तरीका उपयोग करने के साथ निम्नलिखित बातें भी याद रखें:-
सही खान-पान :- एक अच्छा और संतुलित आहार आपकी पढ़ाई की गुणवत्ता पर सीधे प्रभाव डालता है। जब आप सही भोजन करते हैं, तो आपका शरीर और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ और सक्रिय रहते हैं, जिससे आप बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और लंबे समय तक पढ़ाई कर सकते हैं।
शांत वातावरण :- शांत वातावरण में पढ़ाई करने से दिमाग भटकता नहीं है, और आप आसानी से कठिन टॉपिक्स को भी समझ सकते हैं। इसके अलावा, बिना किसी रुकावट के पढ़ाई करने से आपकी याददाश्त बेहतर होती है, जिससे आप जो भी पढ़ते हैं, उसे लंबे समय तक याद रख सकते हैं।
दिन की सही शुरुआत एक स्पष्ट योजना से करें, जिसमें उन विषयों को प्राथमिकता दें जिनमें आपको अधिक समय और ध्यान देने की आवश्यकता है। अपनी पढ़ाई के समय को छोटे हिस्सों में बांटें और नियमित ब्रेक लें, जिससे आपकी उत्पादकता बनी रहती है और थकावट कम होती है।
बच्चों के लिए पढ़ने के लिए तरीके:-
•गतिविधि के द्वारा बच्चे जल्दी सीखते हैं।
• बच्चों को हमेशा उदाहरण देकर समझाएं।
•उन्हें लिखकर याद करने का अभ्यास करवाए।
•अच्छा करने पर उन्हें प्रोत्साहन या इनाम दे।
•समय-समय पर उनका आकलन करें।
•बच्चों की तुलना किसी और से कभी ना करें।
•उन्हें हमेशा अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
• उन्हें विश्वास दिलाए कि वे और अच्छा कर सकते हैं।
पढ़ने के तरीकों के साथ मन लगाने के तरीके:-
प्राय: देखा जाता है कि जब हम किसी भी काम को रोजमर्रा एक ही तरीके से करते हैं तो हमें उसे कम से बोरियत होने लगती है और हम उस काम से बचने का प्रयास करने लगते हैं। जी हां, ऐसा ही कुछ होता है बच्चों के साथ जब वह रोज-रोज एक ही दिनचर्या के साथ पढ़ते हैं। ऐसी स्थिति में आवश्यक हो जाता है उसे दिनचर्या में बदलाव। पढ़ने से पहले आप अपने लिए उचित स्थान का प्रबंध करें। ऐसा स्थान जो शांत व वातावरण के अनुकूल हो। पढ़ने में कुछ गतिविधियों को भी जोड़ा जा सकता है जिसे सीखना आसान और रोचक हो जाएगा। ध्यान भटकने वाली चीज जैसे मोबाइल व टीवी आदि से बच्चों को पढ़ाई के समय दूर रखें। पढ़ने की अवधि में ध्यान रहे उनके आस-पास शोरगुल ना हो।
साथ ही उनके खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए तथा पर्याप्त और अच्छी नींद भी उनके लिए अत्यंत आवश्यक है इससे बच्चों के हार्मोन सही तरीके से काम करेंगे और शरीर को पर्याप्त मात्रा में आराम मिलने से ही उन्हें पढ़ाई में ध्यान लगाना आसान रहेगा।
रात को बनाए अगले दिन की योजना:-
आप अपनी योजना बनाने की प्रक्रिया को निर्धारित करें तथा रात को ही अपने अगले दिन की योजना बना ले। इसमें आप अपने अगले दिन के कार्यों की सूची तैयार कर ले और कोशिश करें कि अपनी इस बनाई हुई योजना पर पूर्ण रूप से कार्य करें। इससे एक तो आपको एक निश्चित योजना बनाकर कार्य करने का अभ्यास हो जाएगा व आपकी विषय-वस्तु भी दिन के दिन याद करने में आसानी हो जाएगी और आपके दिमाग पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा योजना आप अपनी क्षमता अनुसार ही बनाएं। यदि आप लगातार 2 घंटे ही पढ़ सकते हैं तो योजना उसी अनुसार बनाएं क्योंकि अगर आप अपनी क्षमता से अधिक समय पढ़ाई करेंगे तो यह आपके लिए बोरिंग वह ऊबने वाली योजना हो जाएगी और आपको इस पर कार्य करना कठिन होगा।
अध्ययन की अवधि का खास ध्यान रखें:-
किसी के लिए भी लगातार पढ़ते रहना अत्यंत कठिन व जटिल प्रक्रिया होती है। लंबे समय तक लगातार अध्ययन करना तनावपूर्ण हो सकता है और परिणाम यह होता है कि बच्चा पढ़ने तो बैठा रहता है पर पढ़ाई पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता ऐसे में आवश्यक हो जाता है की आप अपने अध्ययन की अवधि का ध्यान रखें। अगर आप सुबह जल्दी 4:00 Am से 5:00 Am उठ जाते है तो आप तो आप सारे काम-काज करने के साथ साथ पढ़ाई करने का प्रयाप्त समय आराम से निकल पाएंगे। पढाई के बीच बीच में आवश्यक हैं आप अपने लिए छोटे छोटे ब्रेक आवश्य रखें क्योंकि ज्यादा लंबे समय तक अध्ययन करने से आपका मन पढ़ाई से ऊब जाएगा और थकान का अनुभव करने लगेंगे।
नोट्स बनाकर पढ़े या हमारे स्टडी मैटेरियल्स का प्रयोग करे:-
पढ़ते समय ध्यान रहे आप अपने साथ कॉपी पेन लेकर बैठ व महत्वपूर्ण जानकारी के नोट्स बना ले। यह नोट्स आपके लिए परीक्षा के समय अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे क्योंकि परीक्षा से पहले आप इन्हीं नोट्स के द्वारा अपना रिवीजन कर सकते हैं। साथ कम समय में आप आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके भी अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं। स्टिकी नोट्स बनाकर आप महत्वपूर्ण जानकारी को दीवारों आदि पर चिपका दें। बार-बार सामने रहने से आपको यह जानकारियां जल्द ही और आसान तरीके से याद हो जाएंगे इसके अलावा व्हाट्सएप ग्रुप भी आप कंबाइंड स्टडी के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। अगर आप स्कूल या कोचिंग के नोट्स पर निर्भर हैं, तो सुनिश्चित करें कि वे पूरे और सटीक हों। आप यूट्यूब या अन्य APP के द्वारा यात्रा करते समय भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं और विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियां व तथ्यों को जैसे डायग्राम, मैप्स इत्यादि को अपने मोबाइल में सेव करके यात्रा के समय इन्हें देख व समझ सकते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और वीडियो लेक्चर्स का भी उपयोग कर सकते हैं, ताकि किसी भी टॉपिक को गहराई से समझा जा सके।
आप हमारे सीबीएसई नोट्स चेकआउट कर सकते हैं: – Click Here
FAQ’s
प्रश्न 1:- पढ़ाई करते समय लक्ष्य चुनना क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:- पढ़ाई करते समय लक्ष्य चुनना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जब तक हम अपना लक्ष्य निर्धारण नहीं करते तब तक हमारा मानसिक संतुलन स्थिर न होकर भटकाव की स्थिति में रहता है।
प्रश्न 2:- पढ़ाई में मन को शांत रखना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:-क्योंकि शांत मन से पढ़ा हुआ हम अधिक समय तक याद रख सकते हैं।
प्रश्न 3:- स्टडी टाइम टेबल क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:- स्टडी टाइम टेबल के जरिए छात्र एक अच्छी रणनीति के साथ अपनी पढ़ाई कर सकता है।
प्रश्न 4:-मॉक टेस्ट व पुराने प्रश्न पत्रों को हल करना क्यों उपयोगी है?
उत्तर:- ऐसा करने से आप जान पाएंगे कि आपने कितना सीख लिया और आपका अभ्यास में कहां क्या कमी है।