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संवाद लेखन: परिभाषा, प्रारूप और उदाहरण

Samvad Lekhan in Hindi: संवाद का अर्थ आम भाषा में आपस में बातचीत या बात करना ही है। दो या दो से अधिक किरदारों का आपस में वार्ता करना ही संवाद है , जिसमें वार्ता करने वाला संवाददाता कहलाता है। संवाद के कई प्रकार हो सकते हैं जैसे आम बातचीत , औपचारिक कार्य व व्यापार के लिए संवाद, भावनात्मक संवाद , कलात्मक संवाद आदि । लिखित भाषा में औपचारिक संवाद, संवाद लेखन कहलाता है, जो अकादमिक और व्यावसायिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

इस लेखनी शैली का उपयोग विशेष रूप से पत्र लेखन, पत्रिका लेखन और नाटकों आदि में किया जाता है। संवाद लेखन का वास्तविक उद्देश्यअपने विचारों और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करना होता है। संवाद लेखन व्यक्तिगत, सामाजिक, व्यावसायिक या पेशेवर विषयों पर किया जा सकता है।

Samvad Lekhan in Hindi

संवाद लेखन किसे कहते हैं?

संवाद लेखन वह लेख है , जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच होने वाली बातचीत को लिखित रूप से लिया जाता है। व्यक्तिगत रूप से बातचीतको प्रस्तुत करने में संवाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके द्वारा पाठकों से संबंधित व्यक्तिओं की सोच, विचारों और भावनाओं का अनुभव हो सकता है। पत्रिकाओं, अखबार और नाटक संवाद लेखन के प्रमुख उदाहरण है। संवाद लेखन का मक़सद अपने विचारों, अभिप्रेरणा और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करना होता है। संवाद विचारों को आकार देने में मदद करता है , और महत्वपूर्ण चरित्र लक्षणों को प्रस्तुत करता है। आधुनिक साहित्य में हम संवाद य उपयोग किसी पात्र के व्याक्तित्व को रंग देने, संघर्ष पैदा करने, कथानक को आगे बढ़ाने , स्थानीय भाषा को प्रदर्शित करने आदि के लिए करते हैं। साहित्य के अनुसार संवाद दो या दो से अधिक लोगों के बीच एक  शैलीगत लिखित या मौखिक आदान प्रदान होता है।

संवाद आमतौर पर नाटकों, किताबों या कई पत्रों वाली अन्य रचनाओं में पाए जाते हैं। इसे फ़िक्शन, और काव्य रचनाओं के द्वारा पहचाना जा सकता है। संवाद में बोले जा रहे शब्द, उदाहरण द्वारा चिन्हित किया जाता है, आमतौर पर यह एक पंक्ति विराम होता है वो पात्र के बोलने के बाद होता है। संवाद लेखन किसे कहते हैं यह समझकर आप इसमें कलात्मक निपुणता पा सकते हैं ।

संवाद लेखन का फार्मेट (Samvad Lekhan Format)

संवाद लेखन का फॉर्मेट निम्न प्रकार में हो सकता है-

  1. शीर्षक – संवाद लेखन में शुरुआत इसी महत्वपूर्ण बिंदु द्वारा की जाती है क्योंकि शीर्षक के माध्यम से ही प्रश्न का उद्घाटन या फिर संवाद के सारांश में जानकारी दी जा सकती है।
  2. प्रवेश – संवाद के आरंभिक भाग में दोनों व्यक्तियों का , जिनके बीच में बातचीत या संवाद होने जा रहा है। नाम, पता दिया जाता है , जिसमें पाठकों को समझने में आसानी हो जाए, कि संवाद किस-किस के बीच किया जा रहा है।
  3. मुख्य भाग – संवाद लेखन में हर व्यक्तियों के बोलचाल को अलग-अलग पंक्तियों में व्यवस्थित किया जाता है। इसमें बातचीत की विस्तृत जानकारी दी जाती है। संवाद लेखन में शब्दों या वाक्यों के बीच रिक्त स्थान देकर व्यक्तिगत भाषा के लिए जगह रखी जाती है।
  4. समाप्ति – संवाद लेखन में वर्तनी का महत्वपूर्ण योगदान होता है , इसमें संवाद लेखन की समाप्ति के समय व्यक्तिओं के नाम के साथ ही संवाद में हुए विचारों में सारांश दिया जाता है। इसके अलावा एक अच्छे संवाद के लिए लेखक की शब्दावली, व्याकरण वाक्य रचना का ठीक से ज्ञान होना भी आवश्यक है।

संवाद लेखन कितने प्रकार का होता है?

संवाद लेखन कई प्रकार के हो सकते है। संवाद लेखन के प्रकार निम्न हैं :

  1. व्यक्तिगत संवाद – इस प्रकार के संवाद लेखन में दो व्यक्तियों के बीच एक-एक संवाद के लिखा जाता है। इस प्रकार के संवाद लेखन में व्यक्तिगत , व्यहवार , विचार वा भावनाओं को दर्शाया जाता है। इस प्रकार के संवाद लेखन द्वारा दोनों व्यक्तिओं के आपसी सुझाव व लगाव को भी दर्शाया जा सकता हैं।
  2. सार्वजनिक संवाद –  इस प्रकार के संवाद लेखन में भिन्न-भिन्न प्रकार के लोगों के लिए संवाद लिखे जाते हैं। जिसमें किसी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा या सार्वजनिक हितों को प्रकट करने की कोशिश की जाती है।
  3. वाद-विवाद संवाद – यह संवाद लेखन विद्या आरोप-प्रत्यारोप, प्रश्नोत्तर और तर्कको प्रकट करने के लिए उपयोगी है इसमें दो व्यक्तियों के बीच वाद-विवाद को दिया जाता है जिसमें दोनों पात्रों के विचार और तर्क प्रस्तुत किए जाते हैं।

अच्छे संवाद लेखन की महत्वपूर्ण बातें:-

  • संवाद लेखन में संवाद की रचना, विषय, विचारो की प्रवत्ति और बातचीत के मुख्य मुद्दे को शामिल करके योजना बनाएं।
  • संवाद लेखन में व्यक्तियों के व्यक्तित्वको प्रत्येक संवाद से व्यक्त किया जाना चाहिए। संवाद लेखन में प्रत्येक किरदार को उसके व्यक्तिगत व्यवहार, भाषा और भावनाओं के अनुसार ही लिखें। ऐसा करने से पाठकों को किरदारों के चरित्र व व्यवहार की पूर्ण रूप से जानकारी हो जाएगी।
  • संवाद लेखन में बातचीत में संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए उचित भाषा , वाक्यों रचना और उचित शब्द चयन कला चहिए।
  • संवाद लेखन में शब्दों का सही उपयोग करें और बातचीत को स्पष्ट व सार्थक रखें तथा संवाद लेखन को सरल और सुगम बनायें ताकि यह पाठकों को आसानी से समझ में आ पाएँ।
  • संवाद लेखन में वाक्य और पैराग्राफ के सही विभाजन के साथ संवाद को स्पष्ट बनायें। संवाद लेखन में संरचना को सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।

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अच्छे संवाद लेखन की विशेषताएं

अच्छे संवाद लेखन की विशेषताएं निम्न हैं:-

  • आकर्षक वाणी – अच्छे संवाद लेखन में वाणी बहुत महत्वपूर्ण है , इसलिए संवाद में सम्मोहक वाणी का इस्तेमाल करना चाहिए। व्यक्तियों के व्यवहार, वाणी और विचारों की अभिव्यक्ति को इस्तेमाल करके संवाद को रुचिकर और आकर्षक बनाया जा सकता है।
  • स्पष्टता – संवाद लेखन में प्रयुक्त भाषा, शब्द, वाक्य द्वारा वार्ता को  स्पष्ट बनाया जाना चाहिए।
  • सहजता – व्यक्तिगत वाणी के बीच संवाद को सहज़और स्वाभाविक बनाए क्योंकि अच्छे संवाद लेखन में सहजता और प्राकृतिकता को ज्यादा अधिक महत्व दिया जाता है। सहजता के द्वारा पाठकों को बातचीत में स्थानीयता का अनुभव होने दें।
  • यथार्थता – अच्छे संवाद लेखन में विभिन्न प्रश्नों के विचारों और प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाना चाहिए , क्योंकि उचित अच्छे संवाद लेखन में सत्य और यथार्थ से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • विविधता – उत्कृष्ट संवाद लेखन के लिए भिन्न-भिन्न विचारों और परिप्रेक्ष्य को प्रकट करने के लिए विविधता होनी चाहिए।
  • सहयोग और उत्तरदायित्व – संवाद लेखन में उचित व व्यक्तिगत भाषा का उपयोग करके सहयोग और उत्तरदायित्व का भाव प्रकट किया जाना चाहिए।
  • भाषा और व्यक्तिगत विशेषता – संवाद लेखन के प्रत्येक व्यक्ति की भाषा और विशेषता को समर्थन देने वाले वाक्यों का प्रयोग करने के साथ-साथ, छोटी-छोटी कहावतें व मुहावरों का प्रयोग भी किया जा सकता है।

संवाद लेखन के महत्व

संवाद लेखन का महत्व व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण से अतयंत महत्वपूर्ण होता है, जो समृद्धि और उन्नति म माध्यम बनता है। निम्न कारको से संवाद लेखन के महत्व को समझा जा सकता है :-

1) विचारात्मक और वैचारिक मतभेद – संवाद लेखन में यह विभिन्न दृष्टिकोण और विचारों को समझने में मदद करता है। संवाद लेखन व्यक्तियों के विचारों और मतभेदों को साझा करने का माध्यम होता है।

2) शिक्षा और अध्ययन – संवाद लेखन का यह तथ्य शिक्षार्थियों को सुविधाजनक तरीके से ज्ञान और जानकारी को समझाने का माध्यम बनता है।

3) सामाजिक संवाद – यह सामाजिक बंधनों को मजबूत करने के साथ-साथ समाज में सामूहिक उत्थान को प्रोत्साहित करता है। इससे हम अपने परिवार, मित्र,रिश्तेदार, समुदाय और समाज के लोगों के साथ संवाद कायम करते हैं।

4) पेशेवर योग्यता – व्यावसायिक संवाद से कारोबारि संवाद और नाम के विषय में संवाद आयोजित किए जाते हैं ऐसे संवाद (पेशेवर योग्यता वाले) संवाद लेखन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

5) समझदारी और सहयोग – ऐसे संवादों के माध्यम से विवादों को समझने और उन्हें सुलझाने में सहायता मिलती है। इस तरह के संवाद लेखन के माध्यम से आपसी साझेदारी, सहयोग आदि,और सभी के विचारों को समय दिया जाता है।

6) सामाजिक परिवर्तन – इस प्रकार के संवाद लेखन द्वारा हम सामाजिक मुद्दों पर विचार विमर्श कर परिवर्तन व विचार संवाद करके समाज में बेहतरी का मार्ग चुन सकते हैं।

7) साहित्यिकि उत्कृष्टता – साहित्य जगत में भी संवाद लेखन का अपना एक अलग ही महत्व होता है। यह चरित्रों को व्यक्तित्व को प्रकट करने और कहानी को रूपरेखा देने में मदद करता है।

Samvad Lekhan in Hindi और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये आपको असीम व्यावसायिक अवसर भी देता है. हिंदी एक वैश्विक महत्व की भाषा है, , जो कई देशों में व्यापक रूप से पढ़ाई और सीखी जाती है, 600 मिलियन से अधिक लोग हिन्दी बोलते हैं, जिससे यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक बन गई है। इस तरह hindi kahani lekhan आपके लिए विभिन्न कमर्शियल अवसर प्रदान करता है |

कक्षा 9 व 10 के लिए संवाद लेखन के उदाहरण

संवाद लेखन उदाहरण  कक्षा 9 | Samvad Lekhan in hindi for Class 9

1. दो मित्रों के बीच वार्षिक उत्सव पर संवाद लेखन:-

• पात्र 1- आकाश       • पात्र 2- विनय

आकाश– विनय! आज तुम विद्यालय क्यों नहीं जा रहे? समय तो हो गया है?

विनय – मित्र! आज दोपहर के बाद हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव होना है। इसलिए मैं देर से जाउंगा।

आकाश– आज तुम्हारे विद्यालय में उत्सव हैं तब तो वहां बड़ी रौनक और उल्लास होगा । उत्सव का प्रबंध कौन कर रहा है?

विनय– उत्सव के प्रबंध के लिए कुछ छात्र-छात्राएं तथा शिक्षक वहां उपस्थित हैं।

आकाश– चलो मित्र! हम दोनों चलते हैं। मुझे भी तुम्हारे विद्यालय का समारोह देखना है। क्या इसकी अनुमति मिलेगी?

विनय-हाँ बिलकुल।

(दोनों मित्र विद्यालय जाते हैं)

विनय – (विद्यालय पहुंचकर) यह हमारा विद्यालय है। यहाँ उत्सव की तैयारी में शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारी तथा कुछ छात्र-छात्राएं लगे हुए हैं।

आकाश– ऐसा लगता है की समारोह प्रारम्भ होने वाला है। आज उत्सव में कैसा कार्यक्रम है?

विनय – आज अनेक प्रकार के कार्यक्रम है। कुछ छात्र-छात्राएं गीत गायेंगे, कुछ अभिनय करेंगे तथा कुछ खेलों का प्रदर्शन करेंगे। कुछ भाषण एवं कविता सुनाएंगे , फिर पुरस्कारों का वितरण होगा। अंत में सभाध्यक्ष का भाषण भी होगा।

आकाश– क्या सभापति तुम्हे भी पुरस्कार देंगे?

विनय – मैं वार्षिक परीक्षा में अपनी कक्षा में प्रथम आया था, मुझे भी पुरस्कार मिलेगा।

(थोड़ी देर बाद समारोह प्रारम्भ हो जाता है। दोनों दोस्त बैठ जाते हैं।)

 2. पिता और पुत्र में वार्तालाप :–

• पात्र 1-  पिता        • पात्र 2- पुत्र

पिता – बेटे विनीत, कैसा रहा तुम्हारा परीक्षा-परिणाम?

पुत्र – बहुत अच्छा नहीं रहा, पिताजी।

पिता – क्यों? बताओ तो कितने अंक आए हैं?

पुत्र – हिन्दी में 70, अंग्रेजी में 62, कामर्स में 80, अर्थशास्त्र में 72……

पिता – अंग्रेजी में इस बार इतने कम अंक क्यों हैं? कोई प्रश्न छूट गया था?

पुत्र – पूरा तो नहीं छूटा ….. सबसे अंत में ‘essay’ लिखा था, वह अधूरा रह गया।

पिता – तभी तो……! अलग-अलग प्रश्नों के समय निर्धारित कर लिया करो, तो यह नौबत नहीं आएगी। खैर, गणित तो रह ही गया।

पुत्र – गणित अच्छा नहीं हुआ था। उसमें केवल 50 अंक आए हैं।

पिता – यह तो बहुत खराब बात है। गणित से ही उच्च श्रेणी लाने में सहायता मिलती है।

पुत्र – पता नहीं क्या हुआ, पिताजी। एक प्रश्न तो मुझे आता ही नहीं था। शायद पाठ्यक्रम से बाहर का था।

पिता – एक प्रश्न न करने से इतने कम अंक तो नहीं आने चाहिए।

पुत्र – एक और प्रश्न बहुत कठिन था। उसमें शुरू से ही ऐसी गड़बड़ी हुई कि सारा प्रश्न गलत हो गया।

पिता – अन्य छात्रों की क्या स्थिति है ?

पुत्र – बहुत अच्छे अंक तो किसी के भी नहीं आए पर मुझसे कई छात्र आगे हैं।

पिता – सब अभ्यास की बात है बेटे! सुना नहीं ” करत करत अभ्यास के जड़मति  होत सुजान ” , तुम तो समझदार हो। अब वार्षिक परीक्षा निकट है। दूरदर्शन और खेल का समय कुछ कम करके उसे पढ़ाई में लगाओ।

पुत्र – जी पिताजी! मैं कोशिश करूँगा कि अगली बार गणित में पूरे अंक लाऊँ , और आपका नाम रोशन करूँ।

पिता – मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है विनीत , वार्षिक परीक्षा में बहुत अच्छे अंकों लाओगे।

3. स्कूल छात्रों के लिए छोटे संवाद का एक उदाहरण | दो मित्रों (सक्षम और हर्ष) के बीच अर्धवार्षिक परीक्षा की तैयारियों के विषय में बातचीत का संवाद :–

• पात्र 1 – सक्षम                • पात्र 2 – हर्ष

सक्षम : हर्ष, तुम्हारी परीक्षा की तैयारी कैसी चल रही है ?

हर्ष : तैयारी तो ठीक चल रही है, क्या तुम्हारी परीक्षा की तैयारी हो गई ?

सक्षम : अरे, कहाँ। बस चल ही रही है। हिंदी और अंग्रेजी विषय की तो तैयारी हो गई । लेकिन विज्ञान और गणित विषय की तैयारी अभी भी पूरी तरह से नहीं हुई है।

हर्ष : मेरे भी यही विषय बचे हैं। वैसे सभी विषयों की तैयारी तो अंत समय तक चलती ही रहती है।

सक्षम : हाँ दोस्त! ये तो तुम ठीक कह रहे हो। जब तक परीक्षा समाप्त नहीं हो जाती, तब तक तैयारी भी चलती रहती है।

संवाद लेखन उदाहरण कक्षा 10 | Sanvad Lekhan Class 10

1. लोगों के बढ़ते स्वार्थ के कारण जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। वनों की कटाई पर दो सहेलियों की बातचीत का संवाद:-

 • पात्र 1 – रीतिका               • पात्र 2 – गार्गी

रीतिका-  गार्गी ! कहा थी इतने दिन से , छुट्टियों में भी नहीं दिखाई दी?

गार्गी – अरे नहीं यार, इन छुट्टियों में मैं अपने दादा-दादी से मिलने गांव गई थी।

रीतिका – तो फिर तो खूब मस्ती हुई होगी?

गार्गी- रीतिका सही  में । वहाँ की हरियाली, आम के बाग, कटहल, जामुन, आदि खेत देखकर वाकई मजा आ गया।

रीतिका – तो फिर वहाँ से आने का मन नहीं कर रहा होगा ?

गार्गी – शुद्ध ताजी हवा, ताजी हरी सब्जियां, शुद्ध ताजा दूध और शोर-शराबे वाले माहौल को छोड़ने का मन नहीं था, लेकिन छुट्टियां बीतने वाली थीं, इसलिए आ गए।

रीतिका- गार्गी तुम लकी हो। मुझे शहर के इस प्रदूषित और घुटन भरे वातावरण में हर साल अपनी छुट्टियां बितानी पड़ती हैं।

गार्गी – शहरों में बढ़ते प्रदूषण के लिए हम भी जिम्मेदार हैं।

रीतिका – वह कैसे?

गार्गी – लोग अपने स्वार्थ के लिए जंगलों को उजाड़ते हैं, बस्तियां बसाते हैं. अमीर लोग इन जंगलों को काटकर कारखाने लगाते हैं। वे स्वयं लाभ कमाते हैं लेकिन वातावरण को प्रदूषित और असंतुलित करते हैं।

रीतिका – मैं अपने दोस्तों से इस बरसात के मौसम में ढेर सारे पेड़ लगाने को कहूंगी।

गार्गी- इसमें हम सबकी भलाई है।

रीतिका- बिलकुल ठीक कहा मित्र।

2. कंप्यूटर क्रांति का आम जीवन में असर के विषय मै दो मित्रों का संवाद।

संवाद लेखन उदाहरण

• पात्र 1- विहोम.                 • पात्र 2- विशाल

विशाल – कैसे हो विहोम? सुना है तुमने नया कंप्यूटर लिया है?

विहोम- हा मित्र , मेरे पिताजी दिल्ली गए थे , वहा से मेरे लिए उपहार के तौर पे लाए थे।

विशाल – बहुत अच्छी बात है , किस किस उपयोग में आता है , कंप्यूटर।

विहोम – मित्र , कंप्यूटर के अनगिनत उपयोग है , इसमें आप (ms word , Excel , PowerPoint, typing) जैसे कार्य कर सकते है , इसका इस्तेमाल उद्योग एवं इसरो और नासा जैसी संस्था भी करती है।

विशाल – ये जानकारी मेरे लिए बिल्कुल नई थी , उम्मीद है मै भी कंप्यूटर चलाना सीख पाऊंगा।

विहोम – बिल्कुल मित्र हम साथ में सीखेंगे।

Samvad Lekhan Format

निष्कर्ष

दो या दो से अधिक व्यक्ति जब आपस में बातचीत करते हैं तो यह प्रक्रिया संवाद कहलाती है। संवाद में दो या दो से अधिक व्यक्तियों का होना आवश्यक है। संवाद  का उद्देश्य अपने विचारों और ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करना होता है। संवाद कथानक[PLOT] को आकर देने में मदद करता है। आधुनिक साहित्य में संवाद लेखन का प्रयोग किसी पात्र के व्यक्तित्व को रंग देने, संघर्ष पैदा करने, कथानक को आगे बढ़ाने, स्थानीय भाषा को प्रदर्शित करने आदि के लिए किया जाता है। संवाद आमतौर पर नाटकों, किताबों, फिल्मों या कई पात्रों वाली सिनेमा आदि में पाए जाते है। सामान्य संवाद, औपचारिक कार्य,व्यापार के लिए संवाद विचार व्यक्त करते वाले संवाद, भावनाएं व्यक्त करने वाले संवाद, संवाद लेखन के प्रमुख प्रकार होते है l अंत में कहा जा सकता है कि संवाद संप्रेक्षण का प्रमुख आधार है क्योंकि संवाद से ही हम अपने जीवन का आरंभ करते है और संवाद  अंत के साथ ही हमारे जीवन का अंत हो जाता है।

FAQs

प्रश्न – 1: संवाद लेखन अधिकतम कितने शब्दों में लिखना चाहिए?

उत्तर – संवाद लेखन को लगभग 100 शब्दों में लिखना चाहिए।


प्रश्न – 2: संवाद की परिभाषा क्या है?

उत्तर – दो या दो से अधिक लोगों के बीच मौखिक रूप से की गई बातचीत अथवा वार्तालाप को कलमबद्ध करना ही संवाद कहलाता है।


प्रश्न – 3: संवाद लेखन इन हिंदी(dialogue writing in hindi) की क्या विशेषता है

उत्तर – हिंदी बहुत ही लचीली और सरल भाषा है।  इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत आपको हिंदी लेखन में खास कलात्मकता का अवसर देती है


प्रश्न – 4: संवाद लेखन के महत्व को स्पष्ट करें।

संवाद लेखन सामाजिक दृष्टिकोण में अत्यंत महत्वपूर्ण है जो उन्नति का एक माध्यम है।


प्रश्न – 5: कक्षा 9,10 में संवाद के महत्वपूर्ण विषय क्या है?

उत्तर – 
1. बच्चों की पढ़ाई का विषय (माता-पिता के मध्य होने वाली बातचीत)
2. फैशन की होड़ को लेकर दो छात्रों के मध्य होने वाली बातचीत का संवाद।
3. महंगाई को लेकर दो महिलाओं के बीच होने वाली बातचीत का संवाद।
4. जन्मदिन निमंत्रण (दो मित्रों की फोन पर बातचीत का संवाद)।

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