NCERT Solutions for Class 9 Hindi - A: Kshitij Chapter - 10 Kaidi aur Kokila

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    प्रश्न . कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी ?

    अथवा

    कोयल के बोलने का कवि पर क्या प्रभाव पड़ा ?

    उत्तर– कोयल की कूक कवि को निरन्तर संघष करने की प्रेरणा देती है। कवि को ऐसा प्रतीत होता है, कि कोयल उसे देखकर दुखी है और इसलिय रो रही है और चुपचाप अँध्रेरे को बेधकर उसे स्वतन्त्रता के लिए आत्म-बलिदान करने की प्रेरणा दे रही है।

    प्रश्न. कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणो की  सम्भावना बताई ?

    उत्तर– कवि ने कोकिल के बोलने के निम्नलिखित कारणो की सम्भावना व्यक्त की है–

    (1) कोकिल उसे प्रेरणा देना चाहती है।

    (2) कोयल बावली हो गई है।

    (3) उसने दावानल देखली।

    (4) कोकिल उससे सहानुभूति प्रकट करने आई है।

    (5) क्रांतिकारियों  के मन मेें स्वतन्त्रता की भावना जाग्रत करने आई है।

    (6) संकट-सागर मेें स्वयं विलीन होने आई है।

    प्रश्न. किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों ?

    उत्तर– ब्रिटिश शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है क्यों कि ब्रिटिश शासन मेें अंधेरगर्दी थी। ब्रिटिश शासक निर्दोष भारतीयों को भी कारावास मेें डाल देते थे और उन्हें अनेक यातनाएँ देते थे। उनसे कोल्हू के बैल की भाँति कार्य लिया जाता था।

    प्रश्न. कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों मेें दी जाने वाली यंत्रणाओ का वरण कीजिए।

    अथवा

    कारावास मेें स्वतन्त्रता-सेनानियो के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाता था ?

    उत्तर– पराधीन भारत की जेलों मेें कैदियोंसे पाशविक व्यवहार किया जाता था। उन्हें अनेक यातनाएँ दी जाती थी ताकि वे अपने उद्देश्यों से पीछे हट जाएं । जेलो मेें कैदियों की छाती पर बैलों की तरह फीता लगाकर चूना, आदि पिसवाया जाता था। पेट से बाँधकर हल जुतवाया जाता था, कोल्हू चलवाकर तेल निकलवाया जाता था तथा पत्थर तुड़वाये जाते थे। स्वतन्त्रता- सेनानियो को भी डाकू , चोरो के साथ रहना पड़ता था। भोजन भी इतना कम दिया जाता था कि जिससे पेट नही भरता था। उन्हें हथकड़ियों से बाँधकर रखा जाता था।

    प्रश्न. भाव स्पष्ट कीजिए–

    (क) मृदल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो।

    (ख) हूूँ मोट खीचता लगा पेट पर जुआ, खाली करता हूूँ ब्रिटिश अकड़ का कूआँ।

    उत्तर– (क) संसार मेें चारो तरफ दुःख हैैं, परन्तु कोयल अपने मधूर  स्वर से सभी को आनन्दित करती है। अतः कोयल मृदल वैभव की रखवाली है। कवि उससे पूछता है कि तुम कारागृह के आस-पास मँडराकर क्या कहना चाहती हो, बताओ।

    (ख) ब्रिटिश शासन मेें कैदियो से पशुओ की भाँति कार्या जाता था। उन्हें बैल की तरह कोल्हू मेें लगा दिया जाता था। इसके उपरान्त भी कैदियो के मन से देशभक्ति की भावना मिटती नही थी। इसलिए कवि को लगता है कि वह कोल्हू चलाकर ब्रिटिश शासन के अकड़ रूपी कुएँ को खाली कर रहा है।

    प्रश्न. अर्दद्धरात्रि मेें कोयल की चीख से कवि का क्या अंदेशा है।

    अथवा

    रात्रि के समय कोयल की आवाज कवि को चीख क्यों लगी ?

    उत्तर– कवि के अनुसार कोयल कैदियो पर होने वाले अत्याचारो को देखकर व्याकुल हो उठी है। इसलिए इस दुःख के कारण उसके  मुख से चीख निकल पड़ी होगी अथवा उसने अंग्रेजो के विरुद्ध क्रांति की ज्वालाएं देख ली होगी।

    प्रश्न. कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है ?

    उत्तर– कवि को कोयल से इसलिए ईर्ष्या हो रही है क्यों कि कोयल स्वतन्त्र है और कही भी विचरण कर सकती है, जबकि वह दस फुट की काल कोठरी मेें बन्दी है। कोयल की बोली की प्रशंसा होती है और उसके लिए रोना भी अपराध है।

    प्रश्न. कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतो की कौन-सी मधुर स्मृतियाँ अकित हैैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है ?

    उत्तर– सामान्य रूप मेें कोयल के गीतो को खुशी, आनन्द, प्रेम का प्रतीक माना जाता है। कवि के स्मृति-पटल पर भी ऐसी स्मृतियाँ अंकित हैैं, परन्तु कोयल कारावास मेें बन्दियों को देखकर क्ब्ध है और हूक रही है। अतः कवि को लगता है कि कोयल अपनी उन मधुर स्मृतियो को नष्ट कर रही है।

    प्रश्न. हथकड़ियो को गहना क्यों  कहा गया है ?

    उत्तर– गहना धारण करने से व्यक्ति को गर्व और आनन्द की प्राप्ति होती है। हथकड़ियो को पहनकर स्वतन्त्रता सेनानियों को गर्व का अनुभव होता है और स्वतन्त्रता के लिए संघष करने मेें उन्हें आनन्द मिलता है। हथकड़ियाँ उन्हें यह भी याद दिलाती थीं कि देश भी इसी प्रकार गुलामी की जंजीरों मेें जकड़ा हुआ है और उसको मुक्त कराने के लिए उन्हें प्रयास करना है, इसलिए हथकड़ियो को गहना कहा गया है।

    प्रश्न. ‘काली तू-ऐ आली।’–इन पंक्तियों मेें ‘काली’ शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।

    उत्तर– इसमेें ‘काली’ विशेषण का प्रयोग अनेक अर्थों मेें हुआ है। इसलिए यहाँ यमक अलंकार है।

    (1) काले रंग के अर्थ मेें– कमली काली- श्खला काली कोयल का रंग, यमक अलंकार है। 

    (2) अन्याय के अर्थ मेें – शासन की करनी, काल कोठरी।

    (3) भयानकता के अर्थ मेें– काली लहर, कल्पना, संकट- सागर।

    कवि बार-बार काली शब्द का की आवत्तिृ करके यह मनोभावना प्रकट करना चाहता है कि बंदीगृह मेें चारो ओर अन्याय और निराशा का वातावरण है अंग्रेज सरकार ने उन्हें बहुत अधिक त्रस्त कर दिया है इसलिए कवि को सब कुछ अंधकारमय प्रतीत होता है। कवि ने ‘काली’ शब्द से चमत्कार की सृष्टि करने मेें पूर्ण सफलता पाने के साथ-साथ अपने परिवेश को चित्रात्मकता के गुण से प्रकट करने मेें सफलता प्राप्त की है।

    प्रश्न. काव्य - सोंदर्य स्पष्ट कीजिए–

    (क) किस दावानल की ज्वालाएँ हैैं दीखी ?

    (ख) तेरे गीत कहावेें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह!

    देख विषमता तेरी-मेरी, बजा रही तिस पर रणभेरी!

    उत्तर– (क) (i) अंग्रेजी शासको के अमानवीय अत्याचारो और  कुकृत्यो के विरुद्ध लोगों मेें स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघष की भावना दावानल की भातिँ भड़क उठी थी। यहाँ कवि ने उसी का उल्लेख किया है।

    (ii) भाषा–तत्सम शब्द युक्त खड़ी बोली हिन्दी।

    (iii) शब्दशक्ति-लक्षण।

    (iv) गुण-ओज।

    (v) अलंकार–दावानल की ज्वालाएँ मेें रूपकातिशयोक्ति अलंकार है।

    (ख) (i) इसमेें कोयल और कवि की तुलना द्वारा जेल की यातनाओ का चित्रण है।

    (ii) भाषा–खड़ी बोली हिन्दी।

    (iii) शब्दाशक्ति–लक्षणा

    (iv) गुण–ओज।

    (v) अलंकार–तेरी-मेरी मेें अनुप्रास अलंकार है।

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