NCERT Solutions for Class 9 Hindi - A: Kshitij Chapter -2 Lahaasa Ki Or
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प्रश्न 1. थोङ्ला के पहले के आखिरी गावँ पहुुँचने पर भिखमंगे के वेश मेें होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला, जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?
उत्तर– इसके दो कारण थे–जान-पहचान और लोगो की मानसिकता। पहली यात्रा के समय बौद्ध भिक्षु सुमति लेखक के साथ थे, इसलिए लेखक को ठहराने के लिए उचित स्थान मिला, जबकि दूसरी यात्रा के समय सुमति लेखक के साथ नही थे। दूसरा कारण यह था कि वहाँ के लोग शाम छः बजे के पश्चात् छङ् पीकर इतने मदहोश हो जाते हैैं कि उन्हहें अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता जिससे वह किसी भी चीज़ का ध्यान नही रख पाते थे।
प्रश्न 2. उस समय के तिब्बत मेें हथियार का कानून रहने के कारण यात्रियो को किस प्रकार का भय बना रहता था?
उत्तर– उस समय के तिब्बत मेें हथियार का कानून न रहने के कारण लोग लाठी की तरह पिस्तौल-बन्दूक लिए घूमते थे जिससे यात्रियो को अपने प्राणों और धन के लूटे जाने का भय बना रहता था।
प्रश्न 3. लेखक लङ्कोर के मार्ग मेें अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?
उत्तर– लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से इसलिए पिछड़ गया क्योंकि उसका घोड़ा बहुत धीरे चल रहा था। जब वह घोड़े को जोर देने लगता तो उसका घोड़ा सुस्त हो जाता था। जहाँ दो रास्ते निकल रहे थे, वहाँ से लेखक बाएँ रास्ते पर एक मील चलकर भटक जाता है। बाद में उसे पता चलता है कि वह गलत रास्ते पर आ गया है। उसे बाएँ मोड़ पर न मुड़कर दाएँ मोड़ पर मुड़ना था, जो लङ्कोर का रास्ता था।
प्रश्न 4. लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
उत्तर– लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास इसलिए नहीं किया क्योंकि उसे वहाँ एक मंदिर में बुद्धवचन के अनुवाद की हस्तलिखित पुस्तकें मिल गई थीं और वह एकांत में उनका अध्ययन करना चाहता था।
उत्तर– अपनी यात्रा के दौरान लेखक को निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ा–
(1) एक बार वह रास्ता भटक गया।
(2) उसे तेज धूप में चलना पड़ा।
(3) एक बार उसे रहने के लिए उचित स्थान नहीं मिला।
(4) उसे दुर्गम मार्ग की चढ़ाई चढ़नी पड़ी।
(5) डाकू और लुटेरों से बचने के लिए भिखारियों की तरह दया की भीख माँगते हुए पैसा माँगा।
(6) लेखक को सुमति के क्रोध का शिकार भी बनना पड़ा।
(7) लेखक को अपना सामान अपने कंधे पर लादकर यात्रा करनी पड़ी।
प्रश्न 6. प्रस्तुत वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
उत्तर–
तिब्बती समाज में छुआछूत, जाति-पाँति, परदा प्रथा जैसी कुरितियाँ नहीं थीं। वहाँ अपरिचित व्यक्ति भी किसी के घर में अंदर तक जा सकता था। निम्न श्रेणी के भिखारियों को घर में नहीं घुसने दिया जाता है। वहाँ के लोग शाम छह बजे के बाद शराब पीकर सब कुछ भूल जाते हैं।
वहाँ ज़ागीर हैं तथा अधिकांश ज़ागीरें विभिन्न मठों के अधीन हैं। ज़ागीरों के स्वामी खेती का प्रबंधन बेगार मजदूरी की सहायता से करते हैं। सारे प्रबंधन की देखभाल कोई भिक्षु करता है तथा वह राजा के समान होता है। तिब्बती लोग बौद्ध संन्यासियों द्वारा दिए गए गंडे-ताबीजों को अपनी रक्षा का आधार मानते थे। समाज में कोई कानून व्यवस्था नहीं थी। लोग लाठी, बंदूक-पिस्तौल का प्रयोग करते थे। चोरी, डकैती, हत्याएँ आदि के मामले आम बात थे।
प्रश्न 7. ‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।’ नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन-सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है–
(क) लेखक पुस्तकों को पढ़ने में रम गया।
(ख) लेखक पुस्तकों की शेल्फ़ के भीतर चला गया।
(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।
उत्तर–
(क) लेखक पुस्तकेें पढ़ने मेें रम गया।
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NCERT Solutions Class 9 Hindi
- Chapter 1 – Do Bailon Ki Katha
- Chapter 2 – Lahaasa Ki Or
- Chapter 3 – Upbhoktavad Ki Sanskriti
- Chapter 4 – Saawle Sapno ki Yaad
- Chapter 5 – Premchand Ke Phate Joote
- Chapter 6 – Mere Bachpan Ke Din
- Chapter 7 – Saakhiyan Avam Sabad
- Chapter 8 – Waakh
- Chapter 9 – Sawaaye
- Chapter 10 – Kaidi aur Kokila
- Chapter 1 – Dukh aur Adhikaar
- Chapter 2 – Everest: Meri Shikhar Yaatra
- Chapter 3 – Tum Kab Jaaoge Atithi
- Chapter 4 – Vaigyaanik Chetna ke Vaahak Chandrashekhar Venkat Raman
- Chapter 5 – Sukrataare ke Saamaan
- Chapter 6 – Pad
- Chapter 7 – Dohe
- Chapter 8 – Geet Ageet
- Chapter 9 – Agri Path
- Chapter 10 – Naye Ilaake Mein- Khushboo
- Chapter 1 – Is Jal Pralay Mein
- Chapter 2 – Mere Sang ki Aaurtein
- Chapter 3 – Reedh ki Haddi
- Chapter 1 – Gillu
- Chapter 2 – Smriti
- Chapter 3 – Kallu Kumhaar ki Unankoti
- Chapter 4 – Mera Chota sa Niji Pustakalya