प्रश्न 1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?
उत्तर– बचपन मेें सालिम अली की एयरगन से नीले कं ठ की एक गौरैया घायल हो गयी थी। इस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया। वे उस गौरैया की देखभाल करने लगे और धीरे-धीरे पक्षियोंसे प्रेम करने लगे।
प्रश्न 2. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से सम्बंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
उत्तर– सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने 'साइलेंट वैली' को रेगिस्तानी हवा के झोंकों से खतरे का मुद्दा उठाया होगा। उन्होंने पक्षियों और पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति चिंता प्रकट की होगी। उनका निस्वार्थ सेवा भाव देखकर प्रधानमंत्री की आँखें नम हो गई थीं।
प्रश्न 3. लॉरेन्स की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गौरैया लॉरेन्स के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?
उत्तर– लॉरेन्स बहुत सरल हृदय और सीधे व्यक्ति थे। उनके बारे में कोई बात किसी से छिपी नहीं थी। वे एक अच्छे 'बर्ड वॉचर' भी थे और उन्हें प्रकृति से गहरा लगाव था। पक्षियों के कलरव को प्रेरणा बनाकर उन्होंने कई कविताएँ लिखी थीं। वे अपनी छत पर बैठी गौरैया को अक्सर देखा करते थे, इसलिए फ्रीडा ने उक्त कथन कहा।
प्रश्न 4. आशय स्पष्ट कीजिए–
(क) वो लॉरेन्स की तरह, नैसर्गिक ज़िन्दगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने ज़िस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कै से गा सकेगा।
(ग) सालिम अली प्रकृति की दनिु या मेें एक टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे थे।
उत्तर–(क) लॉरेन्स बहुत सीधे स्वभाव के व्यक्ति थे और प्रकृति से अथाह प्रेम करते थे। सालिम अली भी पक्षियों से प्रेम करते थे और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे।
(ख) सालिम अली की मृत्यु के बाद उनके जैसा पक्षी प्रेमी कोई नहीं हो सकता। वे मौलिक थे, और चाहे कोई अपने प्राण भी सालिम अली में डाल दे, तो भी वे पुनर्जीवित नहीं हो सकते। भाव यह है कि सालिम अली के समान पक्षी प्रेमी प्रयासों से भी उत्पन्न नहीं हो सकता।
(ग) टापू बन्धन का और सागर खुलेपन का प्रतीक है। सालिम अली को किसी पक्षी विशेष या स्थान विशेष से प्रेम नहीं था; वे तो प्रत्येक स्थान और प्रत्येक पक्षी से प्रेम करते थे। उन्होंने खुद को किसी बन्धन में नहीं बाँधा।
प्रश्न 5. इस पाठ के आधार पर लेख की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ
उत्तर– लेखक की भाषा शैली की चार विशेषताएँ निम्नलिखित हैं–
(1) मिश्रित शब्दों का प्रयोग, अर्थात् हिन्दी भाषा के शब्दों के साथ-साथ उर्दू, तत्सम, तद्भव, देशज, अंग्रेज़ी तथा संस्कृत के शब्दों का प्रयोग।
(2) चित्रात्मक और डायरी शैली का प्रयोग।
(3) अलंकृत भाषा और मुहावरों का प्रयोग।
(4) भावानुकूल भाषा का प्रयोग।
प्रश्न 6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर–सालिम अली को पक्षियों से गहरा लगाव था। वे दूरबीन को अपने गले में लटकाए या आँखों पर लगाए रहते थे। उनकी नज़र में ऐसा जादू था कि वे प्रकृति को अपने घेरे में बाँध लेते थे। उन्हें प्रकृति के संरक्षण की बहुत चिंता थी, इसलिए उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिलकर केरल की 'साइलेंट वैली' को रेगिस्तानी हवा से बचाने का अनुरोध किया। वे भ्रमणशील स्वभाव के थे, और लंबी-लंबी यात्राओं के कारण उनका शरीर कुछ कमजोर हो गया था। व्यवहार में वे सीधे और सरल इंसान थे। उनमें कृत्रिमता लेशमात्र भी नहीं थी। उन्होंने अपने आप को किसी बंधन में कैद नहीं किया। वे आजीवन सागर की तरह स्वच्छंद होकर भ्रमण करते रहे।
प्रश्न 7. ‘‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर– साँवले सपने उन सपनों को कहते हैं, जिनमें किसी व्यक्ति की इच्छाएँ समाहित होती हैं। ये सपने सालिम अली के हैं, जिनमें वह जीवन भर खोए रहे। वे आजीवन पक्षियों की खोज और सुरक्षा के सपने देखते रहे। जब सालिम अली की मृत्यु हो जाती है, तो लेखक उनके सपनों को याद करते हुए व्यथित हो जाता है और उन्हें डायरी शैली में लिखने लगता है।
अतः ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक सार्थक है, परंतु कुछ जटिल भी है, क्योंकि पाठक इसे पढ़कर यह सोचता है कि सपने साँवले क्यों हैं? सपने किसके हैं? आदि।