NCERT Solutions for Class 9 Hindi - A: Kshitij Chapter -5 Premchand Ke Phate Joote
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प्रश्न 1. हरिशं कर परसाई ने प्रेमचन्द का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचन्द के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैैं?
उत्तर–हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है, उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ उभरकर आती हैं–
(1) वे सरल स्वभाव के, किन्तु उच्च विचारों के व्यक्ति थे, उनमें दिखावा नहीं था।
(2) वे चुनौतियों का डटकर मुकाबला करते थे, उन्हें परिस्थितियों से समझौता करना मंजूर नहीं था।
(3) वे जनता के लेखक थे।
(4) वे सदा बेपरवाह तथा विश्वासपूर्ण रहते थे।
प्रश्न 2. (क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। (√)
(ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।
(ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। (√)
(घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अँगूठे से इशारा करते हो? (√)
उत्तर– (क) (×) (ख) (√) (ग) (×) (घ) (×)।
प्रश्न 3.नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए–
(क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पच्चीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।
(ख) तुम परदे का महत्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं।
(ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?
उत्तर–(क) यहाँ जूता धनवान लोगों का तथा टोपी गुणी लोगों की प्रतीक है। गुणी व्यक्ति को अधिक मान-सम्मान मिलना चाहिए, परन्तु समाज में धनवान लोगों को ही आदर-सम्मान मिलता है। अब तो धनवान और शक्तिशाली लोगों की दिनों-दिन प्रतिष्ठा बढ़ती जा रही है।
(ख) प्रेमचंद ने कभी भी दिखावे को महत्व नहीं दिया; परन्तु समाज के लोग सदैव दिखावा करते हैं।
(ग) प्रेमचंद जिसे घृणित समझते थे, उसकी तरफ हाथ से इशारा न करके, पैर की अँगुली से इशारा करते थे, अर्थात वे घृणित व्यक्तियों को हाथ से इशारा करने के योग्य ही नहीं समझते थे। तात्पर्य यह है कि वे कुरीतियों से समाज को मुक्त करना चाहते थे।
प्रश्न 4. पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि ‘फोटो खिचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?’ लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि ‘नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।’ आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?
उत्तर–प्रेमचंद दिखावे की ज़िन्दगी से दूर, सरल, साधारण और एक सामान्य व्यक्ति की तरह उपलब्ध साधनों के अनुसार जीवन-यापन करते थे। इसलिए उन्होंने फोटो खिंचवाने में भी वही साधारण पोशाक पहनी। इन कारणों से लेखक के विचार बदल गए, और उन्होंने सोचा कि इस व्यक्ति का दोहरा व्यक्तित्व नहीं हो सकता।
प्रश्न 5. आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातेें आकर्षित करती हैैं?
उत्तर–यहाँ लेखक की वर्णन शैली और भाषा की मारक क्षमता का मणिकांचन योग दिखाई देता है। लेखक बात तो प्रेमचंद के फटे जूते से प्रारम्भ करता है और उसी में से ऐसी बातें बाहर निकलती हैं, जिससे प्रेमचंद का पूरा व्यक्तित्व निर्मित हो जाता है। लेखक ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व का शब्द-चित्र प्रस्तुत किया है– सिर पर मोटे कपड़े की टोपी, कुर्ता और धोती पहने, कनपटी चिपकी हुई है, गालों की हड्डियाँ उभर आई हैं, परन्तु घनी मूँछों के कारण चेहरा भरा-भरा दिखता है।
प्रश्न 6.पाठ मेें ‘टीले’ शब्द का प्रयोग किन सन्दर्भभों को इंगित करने के लिए किया गया होगा?
उत्तर– 'टीले' शब्द का प्रयोग समाज में व्याप्त अन्याय, शोषण, जमींदारी प्रथा, छुआछूत आदि बुराइयों तथा जीवन में आने वाले संघर्षों, मुसीबतों, समस्याओं, आंदोलनों को इंगित करने के लिए हुआ है। जिस प्रकार टीला पानी के प्रवाह को रोक देता है, वैसे ही ये बुराइयाँ सामाजिक विकास को बाधित कर देती हैं।
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NCERT Solutions Class 9 Hindi
- Chapter 1 – Do Bailon Ki Katha
- Chapter 2 – Lahaasa Ki Or
- Chapter 3 – Upbhoktavad Ki Sanskriti
- Chapter 4 – Saawle Sapno ki Yaad
- Chapter 5 – Premchand Ke Phate Joote
- Chapter 6 – Mere Bachpan Ke Din
- Chapter 7 – Saakhiyan Avam Sabad
- Chapter 8 – Waakh
- Chapter 9 – Sawaaye
- Chapter 10 – Kaidi aur Kokila
- Chapter 1 – Dukh aur Adhikaar
- Chapter 2 – Everest: Meri Shikhar Yaatra
- Chapter 3 – Tum Kab Jaaoge Atithi
- Chapter 4 – Vaigyaanik Chetna ke Vaahak Chandrashekhar Venkat Raman
- Chapter 5 – Sukrataare ke Saamaan
- Chapter 6 – Pad
- Chapter 7 – Dohe
- Chapter 8 – Geet Ageet
- Chapter 9 – Agri Path
- Chapter 10 – Naye Ilaake Mein- Khushboo
- Chapter 1 – Is Jal Pralay Mein
- Chapter 2 – Mere Sang ki Aaurtein
- Chapter 3 – Reedh ki Haddi
- Chapter 1 – Gillu
- Chapter 2 – Smriti
- Chapter 3 – Kallu Kumhaar ki Unankoti
- Chapter 4 – Mera Chota sa Niji Pustakalya