प्रश्न. कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या सम्बन्ध है और इसके क्या कारण हैं ?
उत्तर– हरिहर काका और कथावाचक (लेखक) दोनो के बीच में बड़े ही मधुँर एवं आत्मीय सम्बन् थे, क्योकि दोनो एक गाव के निवासी थे। हरिहर काका की कोई संतान नही थी इसलिए वह कथावाचक को पिता की तरह प्यार करते थे तथा उनकी देखभाल भी किया करते थे। कथावाचक गाव के चंद लोगो का ही सम्मान करता था और उनमें हरिहर काका एक थे। इसके निम्नलिखित कारण थे—
(क) हरिहर काका कथावाचक के पड़ोसी थे।
(ख) कथावाचक की माँ के अनुसार हरिहर काका ने उसे बचपन में बहुत प्यार किया था।
(ग) कथावाचक के बड़े होने पर उसकी पहली दोस्ती हरिहर काका के साथ ही हुई थी। दोनो आपस में बहुत ही खुलकर बातें करते थे अथात उनके बीच दोस्ती का गहरा सम्बन्ध था।
प्रश्न. हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे ?
उत्तर– हरिहर काका एक निसंतान व्यक्ति थे। इसलिए महंत और उनके भाई जमीन को अपने नाम लिखवाना चाहते थे। उनके पास पन्द्रह बीघे जमीन थी। हरिहर काका के भाईयो ने पहले तो उनकी खूब देखभाल की परन्तु धीरे- धीरे उनकी पत्रियों ने काका के साथ दुव्य्हार करना शुरू कर दिया। महंत को जब यह पतया चला तो वह बहला-फुसलाकर काका को ठाकुरबारी के नाम लिखवाने की बात की| काका नेजब ऐसा करने से मना किया तो महंत ने उनेह मार-पीटकर जबरदस्ती कागजो पर अँगूठा लगवा दिया। इस बात पर दोनो पच्चो में जमकर झगरा हुआ। दोनो ही पच्पाच स्वाथि थे। वे हरिहर काका को सुख नही दुःख देने पर उतारू थे। उनका हित नही अहित करने के पछ में थे। दोनो का लक्ष्य जिमीन हथियाना था। इसके लिए दोनो ने ही काका के साथ छल का प्रयोग किया। इसी कारण हरिहर काका को अपने भाई और महंत एक ही श्रेणी के लगने लगे।
प्रश्न . ठाकुरबारी के प्रति गति वालो के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवर्ती का पता चलता है ?
उत्तर– ठाकुरबारी के प्रति गाव वालो के मन में अपार श्र्रधा के जो भाव हैं, उनसे उनकी ठाकुर जी के प्रति भक्ति भावना, आस्स्तकता, प्रेम तथा विश्यास का पता चलता है।वे अपने प्रत्येक कार्य की सफलता का कारण ठाकुर जी की कृपा को मानते थे।
प्रश्न. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते थे ? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। वे जानते हैं कि जब तक उनकी जमीन - जायदाद उनके पास हैं, तब तक सभी उनका आदर करते हैं। उनके भाई उनसे जमीन अपने नाम करवाने के लिए उनेह डराते थे बाद में उनेह समझ आया कि उनके भाई उनसे जायदाद के लिए प्यार करते हैं। ठाकुरबारी के महंत उनको इसलिए समझाते हैं क्योकि वह उनकी जमीन ठाकुरबारी के नाम करवाना चाहते हैं। उनके भाई उनका आदि - सत्कार जमीन के कारण करते हैं। हरिहर काका ऐसे कई लोगो को जानते हैं, जिन्होने अपने जीते जी अपनी जमीन किसी और के नाम लिख दी थी। बाद में उनका जीवन नरक बन गया था।वे नही चाहते थे कि उनके साथ भी ऐसा हो।
प्रश्न . हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे ? उन्होने उनके साथ कैसा बताव किया ?
उत्तर– महंत के संकेत पर ठाकुरबारी के साधु-संत हरिहर काका को उठाकर ले गए थे। पहले उनेह समझा - बुझाकर सादे कागज पर अँगूठे का निशान लेने का प्रयास किया गया। सफलता न मिलने पर जबरदस्ती निशान लेकर हाथ-पाँव और मुह बाधकर उनेह कमरे में बंद कर दिया गया तथा पुलिस के आने पर स्वयं नौ दो ग्यारह हो गये।
प्रश्न. हरिहर काका के मामले में गाव वालो की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे ?
उत्तर– हरिहर काका के मामले में गाव के लोगो के दो वर्ग बन गए थे। दोनो ही पछ के लोगो की अपनी-अपनी राय थी। आधे लोग परिवार वालो के पछ में थे। उनका कहना था कि काका जी जमीन पर हक तो उनके परिवार वालो का बनता है। काका को अपने जमीन जायदाद अपने भाइयो के नाम लिख देनी चाहिए, ऐसा न करना अन्ययाय होगा। दुसरे पछ के लोगो का मानना था कि महंत हरिहर की जमीन उनको मोछ दिलाने के लिए लेना चाहता है। काका को अपनी जमीन ठाकुरजी के नाम लिख देनी चाहिए। इससे उनका नाम और यश भी फैलेगा और उनेह सीधे
बैकुठ की प्राप्ति होगी। इस प्रकार जितने मुह थे उतनी बातें होने लगी। प्रत्येक का अपना मत था इन सबका एक कारण था कि हरिहर काका विधुर थे और उनकी अपनी कोई संतान न थी जो उनका उत्बतराधिकारी बनता। पन्द्रह बीघे जमीन के कारण इन सबका लालच स्वाभाविक था।
प्रश्न. कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, “अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृतयु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृतयु को वरन करने के लिए तैयार हो जाता है।”
उत्तर– लेखक ने यह इसलिए कहा है क्योकि अज्ञान की ही स्थिति में अर्थात सासरिक या नशर ससार के सुख की इच्छा के कारण ही मनुष्य मत्यु से डरते हैं।जब उनेह यह ज्ञान हो जाता है कि मृतयु तो निश्चीत तथा जब यह शरीर जीर्ण - शीर्ण हो जाता है, तो इस मृतयु के माद्यम से प्रभु हमें नया शरीर और नया जीवन देते हैं, तब वे मत्यु से घबराते नही, डरते नही, बल्कि मृतयु आने पर उसका स्वागत करते हैं, अर्थात उसका वरण करते हैं। हरिहर काका की स्थिति में फँसा हर आदमी यही कहेगा बार-बार की मौत से तो एक बार की मौत अच्छी है।
प्रश्न. समाज में रिश्तो की क्या अहमियत है ? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर– आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे- धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ज्यादातर व्यक्ति अपने स्वाथ के लिए रिशते- नाते निभाते हैं। अब रिश्तो से ज्यादा रिश्तेदार की कामयाबी और स्वाथसिद्दी की अहमियत है। रिश्ते ही उसे अपने-पराय में अंतर करने की पहचान करवाते हैं। रिशतो के द्वारा व्यक्ति की समाज में विशेष भूमिका निधारित होती है। रिश्ते ही सुख-दुख में काम आते हैं। यह दुःख की बात है कि आज के इस बदलते दोर में रिश्तो पर स्वाथ की भावना हावी होती जा रही है। रिश्तो में प्यार बंधुत्व समाप्त हो गया है। इस कहानी में भी यदि पुलिस न पहुचती तो परिवार वालो को काका के लिय अफ़सोस नही बल्कि उनकी हत्या न कर पाने का अफ़सोस है । इंसानियत तथा रिशतो का खून तब स्पष्ट नजर आता है जब महंत तथा परिवार वालो को काका के ललए अफसोस नही बल्ल् उनकी हत्या न कि पयाने कया अफसोस है। ठीक उसी प्रकार आज रिशतो से ज्यादा धन-दौलत को अहमियत दी जा रही है। आज लोगो के पास रिशतो को निभाने का समय भी नही है।
प्रश्न. यदि आपके आसपास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे ?
उत्तर– यदि हमारे आसपास हरिहर काका जेसी हालत में कोई हो तो हम उसकी सहायता नि'म्न प्रकार से करेगे —
(क) सबसे पहले हम उसके घरवालो को समझाएंगे कि वे अपने पुनीत कर्तव्य के प्रति सचेत रहें।
(ख) असहाय व्यक्ति की खान-पान, रहन-सहन, वस्त्र आदि की व्यवस्था समयानुसार करे।
(ग) उसके परिवार के सदस्यो को समझाएँगे कि असहाय व्यक्ति की यदि तुम सहायता करोगे, तो उसका फल तुम्हे अवश्य मिलेगा अथात उनकी जमीन, संपति स्वतः ही तुम्हे मिल जाएगी।
(घ) धूरत महंत, पुजारी, साधु आदि की रिपोर्ट पुलिस में करेगे और पुलिस को बताएँगे कि इनकी आँखो पर लालच का चश्मा लगा हुआ है। ये असहाय व्यक्ति की जमीन पर बलपूर्वक कब्जा करना चाहते हैं।
(ङ) भाइयो, महंत, साधु व पूजारियो की खबर मीडीया को देंगे ताकि उनका दुपचार हो सके। साथ ही सरकारी हस्तछेप से उनेह अपने किए की सजा मिल सके। साथ ही हरिहर काका जेसे व्यक्ति को न्याय मिल सके।
प्रश्न. हरिहर काका के गाव में यदि मीडीया की पहुच होती तो उनकी क्या स्थिति होती ? अपने शब्दो में लिखीए।
उत्तर– हरिहर काका का जिस प्रकार से धर्म ओर घर अथात खून के रिशतो से विस्वास उठा चुका था, उससे वे मानसिक रूप से बीमार हो गए थे। बिलकुल चुप रहते थे। किसी की भी कोई बात का कोई उत्त्तर नही देते थे। वर्तमान दृष्ट से यदि देखा जाए तो आज मीडीया की अहम् भूमिका है। लोगो को सच्याई से अवगत करना उसका मुख्य कार्य है। जन - संचार के द्वारा घर-घर में बात पहुचाई जा सकती है। इसके द्वारा लोगो तथा समाज तक बात पहुचाना आसान है। यदि हरिहर काका की बात मीडीया तक पहुच जाती तो शायद स्थिति थोरी भिन्न होती। वे अपनी बात लोगो के सामने रख पाते और सवयं पर हुए अत्याचारियों के विषय में लोगो को जाग्रत करते। हरिहर काका को मीडीया ठीक प्रकार से न्याय दिलवाती। उनेह सवतन्त्र रूप से जीने की व्यवस्था उपलब्ध करवाने में मदद करती। जिस प्रकार के दबाब में वे जी रहे थे वेसी स्थित मीडीया की सहांयता मिलने के बाद नही होती।