NCERT Solutions for Class 10 Hindi - B: Sparsh Chapter - 10 Leeladhar Mandloi

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    निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए - 

    प्रश्न. ततारा वामीरो कहा की कथा है ?

    उत्तर–  तताँरा वामीरो अण्डमान निकोबार द्वीप समूह की लोक कथा है। 

    प्रश्न. वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई ?

    उत्तर– अचानक समुद्र की उची लहरो ने वामिरो को भिगो दिया और वह इसी हड़बड़ाहट में गाना भूल गई।

    प्रश्न. ततारा ने वामिरो से क्या याचना की ?

    उत्तर– तताँरा ने वामिरो से याचना की कि वह अपने मधुर गीत को गाये और वह कल (अगले दिन) उसी समुद्री चट्टान पर आये।

    प्रश्न. ततारा और वामीरो के गाव की क्या रीति थी ?

    उत्तर– तताँरा और वामीरो के गाव की रीति थी कि वैवाहिक सम्बन्धो के लिए  युवक और युवती को एक ही गाव का होना आवश्यक था। दूसरे गाव के लड़के और लड़की से विवाह करना अनुचित समझा जाता था।

    प्रश्न. क्रोध में ततारा ने क्या किया ?

    उत्तर– क्रोध में तताँरा ने तलवार निकाल कर ज़मीन में गाड़ दी। फिर पूरी ताकत से खीचते हुए दुर तक चला गया जिससे धरती के दो टूकड़े हो गये।

    (क) निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर (30-40) शब्दो में लिखिए —

    प्रश्न. ततारा की तलवार के बारे में लोगो का क्या मत था ?

    उत्तर– तताँरा की तलवार के बारे में लोगो का मत था कि उसकी तलवार भले साधारण लकरी की थी पर तलवार में अदभूत विल्छन ओर देवीय शक्ति थी।

    प्रश्न. वामीरो ने ततारा को बैरखी से क्या जबाब दिया ?

    उत्तर– वामीरो ने तताँरा को बेरखवी से जवाब दिया कि वह कौन है, उसे क्यों घूर रहा है ? और उसके इस तरह के असंगत प्रश्नो का उत्तर वह क्यों दे ? वह अपने गाव के अतिरिक्त किसी अन्य युवक के प्रश्नो के उत्तर देने के लिए बाधय नही है और यह बात वह भी जानता है।

    प्रश्न. ततारा वामीरो की त्यागमयी मत्यु से निकोरबार में क्या परिवर्तन आया ?

    उत्तर– तताँरा वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोरबार की सदियों से चल रही रुरिवादी परम्परा में बहुत बड़ा परिवर्तन आया। उन दोनों मृत्यु के बाद  गाव वाले दूसरे गाव वालो से वैवाहिक सम्बन्ध करने लगे और लोगो की सोच में भी अंतर आया।

    प्रश्न. निकोबार के लोग ततारा को क्यों पसन्द करते थे ?

    उत्तर– तताँरा एक नेक, परोपकारी युवक था। वह सदेव दूसरो की सहायता करने के लिए तत्पर रहता था। अपने नही बल्कि समूचे दीप्वासियो की सेवा करना अपना कर्तव्य समझता था। उसके इन्ही मानवीय गुणो के कारण निकोबार के लोग तताँरा को पसन्द करते थे।

    (ख) निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर (80-100) शब्दो में लिखिए—

    प्रश्न. निकोबार दीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबरियो का क्या विस्वास है ?

    उत्तर– निकोबारयो का विश्वास था कि पहले अण्डमान निकोबार दोनो एक ही द्वीप थे। इनके दो होने के पीछे तताँरा वामीरो की लोक कथा प्रचलित है। ये दोनो आपस में प्रेम करते थे। दोनो एक गाव के नही थे। इसलिए रीति के अनुसार विवाह नही हो सकता। पारम्परिक रूरियो में जकड़े होने के कारण वे कुछ कर भी नही सकते थे। तताँरा बहुत ही साहसी और वीर था। उसे  अत्यधिक क्रोध आया और उसने क्रोध  में अपनी देवीय तलवार धरती में गाड़ दी और उसे खीचते - खीचते वह दुर भागता चला गया। इससे धरती दो भागो में विभक्त हो गई–एक निकोबार और दुसरा अण्डमान बन गया।

    प्रश्न. ततारा खूब परिचम करने के बाद कहा गया ?वहा के प्राकतिक सौन्दय का वरण अपने शब्दो में कीजिए।

    उत्तर– तताँरा दिनभर के अथक परिश्म के बाद समुद्र किनारे टहलने निकल गया। सूरज समुद्र से लगे छितिज तले डूबने वाला था। समुद्र से  लगे ठंडी हवा आ रही थी। पछियो की सायंकालीन चहचहाटे धीरे - धीरे मन्द हो रही थी। डूबते हुए सूरज की किरने समुद्र के पानी पर पड़कर सतरंगी छटा बिखेर रही थी। बीच - बीच में लहरो का संगीत सुनाई दे रहा था। पूरा वातावरण सगीतमय लग रहा था।

    प्रश्न. वामीरो से ,मिलने के बाद ततारा के जीवन में क्या परिवर्तन आया ?

    उत्तर– लीलाधर मंडलोई ने ततारा - वामीरो के माद्यम से प्रेम की अनुभूति का सूक्ष्म चित्रण किया है। वामिरो से मिलने के बाद तताँरा का जीवन अशान् हो गया वह हर समय वामिरो से मिलने को व्याकुल रहने लगा। परिचमी, शांत और गम्भीर स्वभाव के तताँरा का जीवन वामिरो से मिलने के बाद बदल सा गया। वह हर समय केवल वामिरो के बारे में सोचने लगा। वामिरो से मिलने के लिए वह बेचेनी से शाम होने की प्रतीचा करता रहता। काम में अब उसका मन नही लगता था। वामिरो के प्रति अपने आकषण को वह समझ नही पा रहा था और न ही खुद को रोक पा रहा था। एक तरह से असहाय-सा हो गया था। वह अपनी सुध- सुध खो बैठा था।वह दिन ढलने से पहले हवी लपाती की समुड्री चट्टान पर पहुँच जाता था। 

    प्रश्न. प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदशन के लिए किस प्रकार के आयोजन किये जाते थे ?

    उत्तर– प्राचीन काल में शक्ति प्रदशन और मनोरंजन के लिए पशुओ की लड़ाई का आयोजन करवाया जाता था। कही- कही पर मनुष्य और पशु की लड़ाई भी होती थी। लड़ाकू साँडो, शेर, पहलवानो की कुश्ती, तलवारबाजी जैसे शक्ति प्रदशन के कार्यक्रम होते थे। तीतर, बटेर की लड़ाई, पतंगबाजी, पैठे लगाना जिसमें विशिसथ सामग्रीया बिकती। खाने-पीने की दुकानें, जानवरों की नुमाइश, ये सभी मनोरंजन के आयोजन होते थे। साथ में नाच और गाने का भी आयोजन होता था। भोजन की व्यवस्था होती थी।

    प्रश्न. रूरियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों ? स्पषट कीजिए।

    उत्तर– यथार्थ में रूरियाँ जब बन्धन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है क्यों कि तभी हम समय के साथ आगे बढ़ पायेंगे। इस कहानी के सन्दर्भ में देखा जाये तो तताँरा - वामिरो का विवाह एक रूरि के कारण नही हो सकता था जिसके कारण उन्हें जान देनी पड़ती है। इस तरह की रूरियाँ किसी का भला करने की जगह नुकसान करती हैं। बन्धनो में जकड़कर व्यक्ति और समाज का विकास, सुख-आनन्द, अभिव्यक्ति आदि रक जाती है। यदि हमें आगे बढ़ना है तो इन रढ़िावादी  विचारधाराओं को तोड़ना ही होगा। कोई भी परम्परा मानव से अधिक कीमती नही हो सकती।

    (ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए—

    प्रश्न.जब कोई राह न सूझी तो क्रोध शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोप दिया और ताकत से उसे खीचने लगया।

    उत्तर– तताँरा को पता लग गया था कि वामीरो के साथ उसका विवाह नही हो सकता है। पशु पर्व में वामिरो तताँरा से  मिलकर रोने लगी। इस पर उसकी माँ ने क्रोध किया और गाव वालो के साथ तताँरा को अपमानित करने लगी। तताँरा अपने अपमान को सहन नही कर पाया और उसे भी क्रोध आने लगा। अपने गुस्से को शांत करने के लिए अपनी देवीय तलवार को ज़मीन में गाड़कर खिचता चला गया। इस कारण धरती दो हिस्सों में बँट गई और द्वीप के दो टूकड़े हो गये।

    प्रश्न. बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणो की तरह कभी भी डूब सकती थी।

    उत्तर– तताँरा वामीरो से अत्यधिक प्रेम करता था। एक दिन वह शाम  के समय समुद्र के किनारे वामिरो की प्रतीचा कर रहा था। प्रतीचा की घरी लम्बी होती जा रही थी। जैसे-जैसे सूरज डूब रहा था, उसको वामिरो के न आने की आशंका बढ़ती जा रही थी। जिस प्रकार सूर्य की किरणें समुद्र की लहरो में कभी दिखती तो कभी छिप जाती थी, उसी तरह तताँरा के मन में भी उम्नमीद बनती और डूबने लगती थी। अनायास उसे लगने लगता था कि वामीरो का इंतजार विफल न हो जाये।

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