प्रश्न. इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है ?
उत्तर– इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला दोनो गहरे दोस्त थे। एक- दूसरे के बिना अधुरे थे परन्तु दोनो की आत्मा में प्यार की प्यास थी। इफ़्फ़न तो अपने मन की बात दादी को या टोपी को कहकर हल्का कर लेता था परन्तु टोपी के लिए इफ्फ्फंन और उसकी दादी के अलावा कोई नही था। अतः इफ्फ्फंन वास्तब में टोपी की कहानी का अटूट हिस्सा है। इफ़्फ़न के घर से टोपी को जो आदर्श मिले, वह उन आदशो को नही भुला सकता था।
प्रश्न. इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थी ?
उत्तर– इफ़्फ़न की दादी मौलवी की बेटी न होकर जमीदार की बेटी थी।वह वहा दूध, घी, दही खाती थी। लखनऊ आकर वह इसके लिए तरस गई क्योकि वहा उसे मौलविन बनकर रहना पड़ता था। इसलिए उन्हें पीहर जाना अच्छा लगता था।
प्रश्न. इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने - बजाने की इच्छा पूरी क्यों ही कर पाई ?
उत्तर– दादी का विवाह मौलवी परििवार में हुआ था वहा गाना बजाना पसंद नही किया जाता था। इसलिए बेचारी अपने बेटे की शादी में मन मसोस कर रह गई।
प्रश्न . ‘अम्मी’ शब्द पर टोपी के घरवालो की क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर– ‘अम्मी’ शब्द को सुनते ही सबकी नजरे टोपी पर गड़ गईं क्योकि वह उदु का शब्द था और टोपी हिन्दू था। इस शब्द को सुनकर जेसे परम्पराओं की दीवारे डोलने लगी। घर में सभी हेरान थे, माँ ने डाटा, दादी गरजी और टोपी की जमकर पिटाई हुई और उसे इफ्फन के घर जाने से भी मना कि दिया गया।
प्रश्न. दस अक्तूबर सन् पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्व रखता है ?
उत्तर– दस अक्तूबर सन् पैंतालीस को इफ़्फ़न के पिता का तबादला हो गया और वे सपरिवार चले गए। टोपी, अपने प्रिय दोस्त के चले जाने से बहुत दुखी हुआ। उसने कसम खाई कि वह कोई ऐसा दोस्त नही बनाएगा जिसके पिता की बदली हो जाये, एक तो इफफ्न की दादी जिसे वह बहुत प्यार करता था वह नही रही फिर इफफ्न चला गया तो यह दिन उसके लिए महत्वपूर्ण दिन बन गया।
प्रश्न. टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही ?
उत्तर– इफ़्फ़न की दादी टोपी को बहुत प्यार करती थी। उनकी मीठी मीठी बोली उसे तिल के लड्डू या शक्कर गुड़ जेसी लगती थी। टोपी की माँ भी ऐसा ही बोलती थी परन्तु उसकी दादी उसे बोलने नही देती थी। उधर इफ्फन के दादा जी व अम्मी को उनकी बोली पसंद नही थी। अतः इफ्फन की दादी और टोपी की माँ दोनो एक स्वर की महिलाएँ थी। यही सोचकर टोपी ने दादी बदलने की बात की क्योकि टोपी की दादी कड़े स्वभाव की महिला थी।
प्रश्न. पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से विशेष स्नेह क्यों था ?
उत्तर– इफ़्फ़न की दादी उसे बहुत प्यार करती थी, इस तरह से उसकी सहायता करती थी। उसके अबबू-अम्मी उसे डाटते थे, उसकी बाजी और नुज़हत भी उसको परेशान करती थी। दादी उसको रात में अंनार परी , बहराम डाकू , अमीर हमला या, गुलब काबजी, हातिमताई जेसी अनेक कहानिया सुनाती थी। इसी कारण वह अपनी दादी से प्यार करता था। इफ़्फ़न की दादी कभी इफ़्फ़न को नही डाटती थी।
प्रश्न. इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को इफ़्फ़न का घर खाली सा क्यों लगा ?
उत्तर– इफ़्फ़न की दादी जितना प्यार इफ़्फ़न को करती उतना ही टोपी को भी करती थी, टोपी से अपनत्व रखती थी। उसे भी कहानिया सुनाती थी, उसकी माँ का हाल चाल पूछती। उनकी मत्यु के बाद टोपी को ऐसा लगा मानो उस पर से दादी की छत्रछाया ही खत्म हो गई है इसलिए टोपी को इफ्फंन की दादी की मत्यु के बाद उसका घर खाली- सा लगा।
प्रश्न. ‘टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मजहब और जाती के थे पर एक अनजान अटूट रिश्ते से बधे थे।’’ इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर– टोपी हिन्दू धर्म का था और इफ्फन की दादी मुस्लिम। परन्तु जब भी टोपी इफ्फंन के घर जाता दादी के पास ही बैठता। उनकी मीठी पुरबी बोली उसे बहुत अच्छी लगती थी। दादी पहले अम्मा का हाल- चाल पुछती। दादी उसे रोज कुछ न कुछ खाने को देती परन्तु टोपी खाता नही था। फिर भी उनका हर शब्द उसे गुड़ की डली सा लगता था। इसलिए उनका रिश्ता अटूट था।
प्रश्न. टोपी नवी कछा में दो बार फेल हो गया बताइए—
(क) ज़हीन होने के बाबजूद भी कछा में दो बार फेल के क्या कारण थे ?
(ख) एक ही कछा में दो-दो बार बेठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियो का सामना करना पड़ा ?
(ग) टोपी की भावात्मक परेशानियो को मद्नजर रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए।
उत्तर– (क) टोपी बहुत ज़हीन (बुदिमान) था परन्तु दो बार फ़ेल हो गया क्योकि पहली बार जब भी वह पढ़ने बैठता मुनी बाबू को कोई न कोई काम निकल आता था रामदुलारी कोई ऐसी चीज मँगवाती जो नौकर से नही मगवाई जा सकती। इस तरह वह फेल हो गया। दुसरे साल उसे मियादी बुखार हो गया था और पेपर नही दे पाया इसलिए फेल हो गया था।
(ख) पहली बार एक कच्चा में छोटे बच्चो के साथ बैठना पड़ा। था | इसलिय उसका कोइ दोस्त नही बन पाया था| अध्यापक भी बच्चो को न पढ़ने के कारण फेल होने का उदाहरन टोपी का नाम लेकर देते थे, उसका मजाक उड़ते थे। मास्टर भी उसे नोटिस नही करते थे। उससे कोई उत्तर नही पूछते बल्कि कहते अगले साल पूछ लेंगे या कहते इतने सालो में तो आ गया होगा। इस तरह सभी उसे भावनात्मक रूप से आहत करते थे। फिर अंत में इन चुनौतियो को स्वीकार कि उसने सफलता प्राप्त की।
(ग) बच्चे फेल होने पर भावनात्मक रूप से आहत होते हैं और मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।वे शर्म महसूस करते हैं। इसके लिए विद्यार्थी के पुस्तकीय ज्ञान को ही न परखा जाए बल्कि उसके अनुभव व् अन्य कार्य कुशलता को भी देखकर उसे प्रोत्सयाहन देने के लिए शिछा व्य्वास्ठा में बदलाव किया जा सकता है।
प्रश्न. इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडीयन में क्यों चला गया ?
उत्तर– कस्टोडीयन में जाना अथात् सरकारी कब्जा होना। दादी के पीहर वाले जब पाकिसतान में रहने लगे तो भारत में उनके घर की देखभाल करने वाला कोई नही रहा। इस पर मालिकाना हक भी न रहा। इसलिए वह घर सरकारी कब्जे में चला गया।